IFFCO किसानों के लिए ऐसे प्रयोग करता रहता है जिससे उनकी फसल गुणवत्ता के साथ अधिक उपज दे. और इसी के चलते भारतीय किसान उर्वरक सहकारी (Indian Farmers Fertilizer Cooperative) ने किसानों से नैनो उर्वरकों (Nano Fertilizers) पर स्विच करने का आह्वान किया है. ऐसा इसलिए कहा गया है क्योंकि ये पारंपरिक रासायनिक उर्वरकों की तुलना में लागत प्रभावी और पारिस्थितिक रूप से बेहतर हैं.
स्मार्ट डिलीवरी सिस्टम (Smart Delivery System)
एक प्रेस नोट में, इफको के हिमाचल प्रदेश के मुख्य प्रबंधक, डॉ भुवनेश पठानिया (Dr. Bhuvnesh Pathania, Chief Manager, Himachal Pradesh, IFFCO) ने कहा है कि रासायनिक खादों (Chemical Fertilizers) के बड़े पैमाने पर उपयोग से मिट्टी की संरचना, खनिज चक्र, पौधों और इकोसिस्टम में खाद्य श्रृंखलाओं को क्षति यानी नुकसान होता है. इसपर आगे पठानिया का कहना है कि नैनो के कण (Nano Particles) पौधों द्वारा आवश्यक चीज़ों को आसानी से सीझने के लिए एक "स्मार्ट डिलीवरी सिस्टम" बनाते हैं.
नैनो यूरिया है किसानों के लिए हर तरह से कारगर (Nano Urea is Effective in Every Way for Farmers)
पठानिया का कहना है कि यह बताया गया है कि नैनो उर्वरक बीज अंकुरण, अंकुर वृद्धि, फोटोसिंथेटिक एक्टिविटी, नाइट्रोजन मेटाबोलिज्म और कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन संश्लेषण की दर को बढ़ाकर फसल उत्पादकता में सुधार करते हैं. वह कहते हैं कि Nano Fertilizer की एक वाइड रेंज जैसे Nano Nitrogen, Nano NPK और अन्य नैनो पोषक तत्व बाजार में उपलब्ध हैं.
नैनो यूरिया के दाम हैं सस्ते (Nano Urea Prices are Cheap)
उनका कहना है कि नैनो उर्वरक रासायनिक उर्वरकों की तुलना में सस्ते होते हैं. साथ ही यह पौधों द्वारा आसानी से और जल्दी अवशोषित हो जाते हैं. इसके अलावा यह मिट्टी को प्रभावित नहीं करते हैं क्योंकि ये पत्तियों पर छिड़के जाते हैं और सीधे सतह से अवशोषित होते हैं.
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पर्यावरण और खेती के लिए है बेस्ट (Best for Environment and Agriculture)
आधा लीटर तरल नैनो नाइट्रोजन (Liquid Nano Urea) 50 किलो यूरिया के उपयोग के बराबर है और कम खर्चीला भी है. इसके अलावा, नैनो उर्वरक बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं और रासायनिक उर्वरकों की तुलना में बेहतर उपज देते हैं. साथ ही यह पर्यावरण के लिए भी अनुकूल है.
वहीं इफको के उपाध्यक्ष दिलीप शंगानी (IFFCO Vice President Dilip Shangani) ने एक बयान में कहा, "इफको नैनो यूरिया 21वीं सदी का एक उत्पाद है और पर्यावरण को मिट्टी, हवा के साथ पानी को भविष्य की पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रखना और सभी के लिए भोजन पर्याप्त रखना समय की मांग है".