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Updated on: 5 November, 2019 3:35 PM IST

इफको ने रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए 'नैनो- टेक्नोलॉजी' आधारित उत्पादों ‘नैनो जिंक और नैनो कॉपर’ को ऑन-फील्ड परीक्षणों के लिए लॉन्च किया है. इफको की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों को भारत में पहली बार पेश किया गया है और इससे फसल के उत्पादन में 15 से 30 प्रतिशत की वृद्धि के अलावा पारंपरिक रासायनिक उर्वरकों के उपयोग में 50 प्रतिशत तक कटौती की संभावना है. केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री, सदानंद गौड़ा ने गुजरात के कलोल में अपनी इकाई में आयोजित एक कार्यक्रम में इन नैनो उत्पादों को लॉन्च किया.

उर्वरक प्रमुख ने प्रगतिशील किसानों (कुल मिलाकर 34) को इस आयोजन के लिए पद्म श्री से सम्मानित किसानों सहित आमंत्रित किया ताकि उन्हें नए नैनो उत्पादों के बारे में बताया जा सके और देश भर में इन उत्पादों का एक साथ क्षेत्र परीक्षण शुरू किया जा सके. कलोल यूनिट में इफको नैनो बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर (NBRC) में उत्पादों का अनुसंधान और विकास किया गया है. ये नैनो-संरचित फार्मूले पौधों को प्रभावी रूप से पोषक तत्व प्रदान करते हैं.

इसके अन्य लाभों के बारे में बताते हुए, कंपनी ने कहा कि ये नैनो उत्पाद न केवल पारंपरिक रासायनिक उर्वरक की आवश्यकता को 50 प्रतिशत तक कम करते हैं, बल्कि फसल उत्पादन को 15-30 प्रतिशत तक मिट्टी के स्वास्थ्य को बढ़ाते हैं और ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कटौती करते हैं. गौड़ा ने कहा, "यह कदम निश्चित रूप से वर्ष 2022 तक खेत की आय को दोगुना करने के लिए हमारे पीएम नरेंद्र मोदी जी के दृष्टिकोण का पूरक होगा". इफको के प्रबंध निदेशक, यूएस अवस्थी ने कहा, "लॉन्च के पहले चरण में, इन उत्पादों को आईसीएआर या केवीके से समर्थन के साथ नियंत्रित परिस्थितियों में खेतों पर परीक्षण किया जाएगा. यूरिया के विकल्प के रूप में विकसित नैनो-नाइट्रोजन में यूरिया की आवश्यकता को 50 प्रतिशत तक कम करने की क्षमता है. केवल 10 ग्राम नैनो-जिंक एक हेक्टेयर भूमि के लिए पर्याप्त होगा और एनपीके उर्वरक की आवश्यकता को 50 प्रतिशत कम करेगा.

English Summary: IFFCO launches nanotechnology fertilizer, 30% increase in production as well as reduction in fertilizer use!
Published on: 05 November 2019, 03:37 PM IST

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