Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 30 December, 2022 1:41 PM IST
ICAR केवीके ने शुरू की कृषि परियोजनाएं

हमारा देश दुनिया की आबादी का एक-सातवां हिस्सा है, जोकि आर्थिक स्थिरता के लिए कृषि और संबंधित उद्योगों पर निर्भर रहता है. देखा जाए तो भारत की आय का मुख्य स्रोत कृषि यानी खेती-किसानी है. इसी के चलते भारत सरकार समय-समय पर देश के किसान भाइयों के लिए आधुनिक तकनीक की जानकारी उपलब्ध करवा कर और साथ ही नए-नए उपकरणों को लॉन्च कर भारतीय किसानों को उनकी भूमि की क्षमता को बढ़ाने में मदद करती है, ताकि वह आर्थिक रूप से मजबूर और आत्मनिर्भर बन सकें.

परियोजनाओं का हुआ शुभारंभ

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मंगलवार को, जिला कलेक्टर एच. कृष्ण नुन्नी ने पी. अलगेसन, वरिष्ठ वैज्ञानिक और प्रमुख, आईसीएआर (ICAR) केवीके मायराडा की उपस्थिति में गोबीचेट्टीपलयम के केवीके परिसर में रोटरी क्लब ऑफ गोबीचेट्टीपलयम के सहयोग से परियोजनाओं का शुभारंभ किया. इस दौरान कलेक्टर ने तलवाड़ी ब्लॉक में कोंगाहल्ली सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाई और हर्बल उपचारित चारा बैंक परियोजनाओं का वर्चुअल उद्घाटन किया. इसके अलावा, कलेक्टर ने किसानों की मदद के लिए ड्रोन छिड़काव तकनीक का उपयोग कर जंगली जानवरों के प्रबंधन के लिए अभिनव हर्बोलिव प्रणाली को शुरू किया. एक ही दिन में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) में किसानों के लिए तीन परियोजनाओं को शुरू किया गया.

रेपेलेंट, ड्रोन के फायदे

बता दें कि किसानों के द्वारा रेपेलेंट, ड्रोन का इस्तेमाल करने से फसलों पर छिड़काव में मदद  मिलती है और ये न केवल जंगली जानवरों को फसलों को नुकसान पहुंचाने से रोकता है, बल्कि यह उत्पादकता बढ़ाने वाले विकास प्रमोटर के रूप में भी कार्य करता है. इस तकनीक की मदद से देश के किसान भाइयों को कई गुणा लाभ प्राप्त होगा. इस लिए कलेक्टर ने किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के माध्यम से इन नवीन तकनीकों को बढ़ावा देने के महत्व पर बल दिया. ताकि किसान इसका इस्तेमाल अधिक से अधिक कर सके

छात्रों को मिले प्रमाणपत्र

संस्थान ने धान की खेती का प्रशिक्षण लेने वाले हाई स्कूल और कॉलेज के छात्रों को प्रमाणपत्र भी दिए. इसके अलावा उन्होंने कहा कि, किसानों को सूखे के मौसम में अपने मवेशियों को खिलाने के लिए जड़ी-बूटियों से उपचारित चारा दिया जाता था. इसलिए अलागेसन ने केवीके की नवीन परियोजनाओं और कृषि में ड्रोन के उपयोग के फायदों पर जोर दिया.

ये भी पढ़ेंः कृषि विज्ञान केंद्र: भारतीय किसानों की प्रगति में सहायक

रोटरी क्लब ऑफ गोबीचेट्टीपलयम के अध्यक्ष के. षणमुगसुंदरम ने किसानों और ग्रामीण लोगों की आजीविका में सुधार के लिए रोटरी क्लब की भूमिका के बारे में बताया. जीवी सुदर्शन, प्रोजेक्ट चेयरमैन ने कृषि कार्यों में ड्रोन छिड़काव की प्रभावशीलता पर चर्चा की. इस कार्यक्रम में कुल 78 किसानों और छात्रों ने भाग लिया और खेती-किसानी से जुड़ी नई-नई तकनीकों के साथ अन्य कई महत्वपूर्ण जानकारियों को जाना. 

English Summary: ICAR KVK started 3 agriculture projects, farmers will be more empowered
Published on: 30 December 2022, 01:51 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now