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Updated on: 20 July, 2020 5:13 PM IST

दुनिया भर में फैले कोरोना वायरस के कारण जनपद में प्रवासियों का वृहत स्तर पर आगमन हुआ है.  प्रवासियों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए उन्नत और प्रभावशाली कृषि, पशुपालन इत्यादि भी आवश्यक है. ताकि कम समय और कम लागत में अधिक उपज प्राप्त हो सके. इसी के दृष्टिगत जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल निरंतर ऐसी संभावनाओं का जायजा लेकर धरातल पर उतारने का कार्य कर रहे हैं. रविवार को जिलाधिकारी ने रानीचौरी स्थित वानिकी विश्वविद्यालय का निरीक्षण कर काश्तकारों के हितों से जुड़ी कृषि, उद्यान, पशुपालन, मत्स्यपालन इत्यादि की तमाम उन्नत तकनीकों एवं संभावनाओं का जायजा लिया. जिसमे मृदा परीक्षण लैब, प्लांट हेल्थ क्लीनिक, मशरूम यूनिट, फ़ूड प्रोसेसिंग यूनिट, हर्बल प्रोसेसिंग इत्यादि शामिल है.

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निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने कहा की जिला प्रशासन का उद्देश्य प्रवासियों व पारंपरिक काश्तकारों को उन्नत प्रसंकरित बीज व तकनीक को उपलब्ध कराना है, जिसका उद्देश्य काम समय और लागत में मिनिमम इनपुट और मैक्सिमम आउटपुट को प्राप्त करना है, ताकि काश्तकारी से जुड़ रहे प्रवासियों को कम समय में अधिक आर्थिक लाभ मिल सके. इसके लिए सभी लाइन डिपार्टमेंट को विश्वविद्यालय के साथ समवय स्थापित करने के निर्देश दिए है. इस दौरान जिलाधिकारी ने विश्वविद्यालय व संबंधित लाइन डिपार्टमेंट के आपसी समन्वय से कानाताल स्टेशन में फ्रूट नर्सरी विकसित करने, काश्तकार स्तर पर सेब के उद्यान का एक मॉडल प्रस्तुत करने, ट्रेनिंग स्टेशन को और अधिक विकसित करने, हर्बल प्रोसेसरिंग यूनिट,  फ़ूड प्रोसेसिंग यूनिट जैसी तमाम तकनीकों के भरपूर उपयोग और संभावनाओं को मूर्तरूप दिए जाने पर बल दिया.

इस अवसर पर डीन वानिकी विश्वविद्यालय प्रोफेसर वीपी खंडूरी,  निदेशक शोध डॉ कौशल, निदेशक प्रसार डॉ अरविंद बिजल्वाण, डॉक्टर आलोक, डॉक्टर एसपी सती, डॉक्टर अमोल वशिष्ठ, डॉक्टर कीर्ति आदि उपस्थित थे.

English Summary: How to get more yield in less time and less cost
Published on: 20 July 2020, 05:16 PM IST

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