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Updated on: 21 October, 2024 12:33 PM IST
मक्की का न्यूनतम समर्थन मूल्य खरीद

किसानों की जी तोड़ मेहनत और हिमाचल प्रदेश सरकार से मिलने वाले प्रोत्साहन से राज्य में सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती/Natural Farming को निरंतर बढ़ावा मिल रहा है. दिन-प्रतिदिन प्रदेश के लोग प्राकृतिक खेती के महत्व को समझ रहे हैं और इसे व्यापक स्तर पर अपना भी रहे हैं. इसके सार्थक परिणाम भी अब मिलने लगे हैं. प्राकृतिक खेती से जुड़े किसान मंडी जिला में अब इस विधि से मक्की व अन्य फसलें उगा रहे हैं.

प्राकृतिक विधि से किसानों द्वारा उगाई जाने वाली मक्की की खरीद सीधे राज्य सरकार द्वारा की जानी है. इसके लिए वर्तमान प्रदेश सरकार ने मक्की का न्यूनतम समर्थन मूल्य 30 रुपये घोषित किया है. किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में राज्य सरकार का यह एक क्रान्तिकारी कदम है. इससे किसान कृषि के माध्यम से आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होंगे.

प्राकृतिक खेती के तहत उगाई गई मक्की की खरीद के लिए मंडी जिला में कृषि विभाग की आत्मा परियोजना के तहत लगभग 431 किसानों को चिन्हित किया गया है. इन किसानों से लगभग 65 मीट्रिक टन मक्की खरीदी जानी है. जिला के विभिन्न खंडों के तहत करसोग में 49 किसानों से 5 मिट्रिक टन, चुराग में 50 किसानों से 4.78 मिट्रिक टन, सराज ब्लॉक में 38 किसानों 5.23 मिट्रिक टन, गोहर में 64 किसानों से 8.15 मिट्रिक टन, सदर में 11 किसानों से 1.65 मिट्रिक टन, बालीचौकी में 29 किसानों से 6.45 मिट्रिक टन, द्रंग में 13 किसानों से 0.915 मिट्रिक टन, चौंतड़ा में 6 किसानों से 0.7 मिट्रिक टन, सुंदरनगर में 46 किसानों से 12 मिट्रिक टन, बल्ह में 8 किसानों से 5.3 मिट्रिक टन, धनोटू में 46 किसानों से 7.05 मिट्रिक टन, गोपालपुर में 39 किसानों से 3.18 मिट्रिक टन, धर्मपुर में 15 किसानों से 1.585 मिट्रिक टन और निहरी में 17 किसानों से 3.45 मिट्रिक टन मक्की की खरीद की जानी है. इसके लिए जिला में  चार स्थानों करसोग के चुराग, चैलचौक, सुंदरनगर और मंडी में प्राकृतिक खेती से उगाई गई मक्की खरीद केंद्र बनाए गए हैं.

प्राकृतिक विधि से मक्की की खेती/Corn Farming करने वाले किसान राज्य सरकार द्वारा मक्की का समर्थन मूल्य घोषित किए जाने से गदगद है. करसोग उपमंडल के नरोली गांव के आशा राम, कोलग गांव के गीता राम और गरयाला गांव के पंकज मल्होत्रा ,बल्ह उपमंडल के पैड़ी गांव की रक्षा देवी, गोहर उपमंडल के गांव बासा की विमला देवी, मीना देवी और विनोद कुमार तथा कलश गांव के नरपत राम का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा मक्की की सरकारी स्तर पर खरीद करना और 30 रुपये प्रति किलो समर्थन मूल्य घोषित करना सराहनीय निर्णय है. मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू का आभार जताते हुए उन्होंने कहा कि उच्च गुणवत्ता वाली मक्की की फसल के किसानों को उचित दाम सुनिश्चित होंगे और उनकी आय में वृद्धि होगी. किसान कृषि के माध्यम से आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होंगे.

प्राकृतिक खेती के तहत उगाई गई मक्की

आशा राम निवासी गांव नरोली करसोग, जिला मंडी ने बताया कि लगभग एक बीघा जमीन पर प्राकृतिक विधि से मक्की की फसल उगाई है, जिसके बेहतर परिणाम सामने आए हैं. उन्होंने बताया कि एक बीघा जमीन पर अढ़ाई से तीन क्विंटल उपज मक्की की प्राप्त हुई है जो पूरी तरह से रसायनमुक्त है.

कोलग गांव के गीता राम और गरयाला गांव के पंकज मल्होत्रा ने बताया कि लगभग 5 बीघा जमीन पर प्राकृतिक विधि से मक्की उगाई गई है. फसल की बीजाई से लेकर निदाई-गुड़ाई के दौरान घर में प्राकृतिक विधि से तैयार किया गया जीवामृत और घनजीवमृत का प्रयोग किया गया है. अच्छी उपज के लिए यह घर पर ही गाय के गोबर और गौमूत्र, गुड, लस्सी आदि से तैयार किया जाता है.

उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि मंडी जिला में प्राकृतिक विधि से उगाई गई मक्की की खरीद के लिए 4 खरीद केंद्र बनाए गए हैं. इन केंद्रों पर प्राकृतिक खेती से जुड़े किसानों से लगभग 65 मिट्रिक टन मक्की की खरीद जानी है. जिसके लिए विभिन्न ब्लॉकों में संबंधित विभाग को आवश्यक तैयारियों के निर्देश दे दिए गए है.

संजय सैनी
सहायक लोक सम्पर्क अधिकारी, करसोग

English Summary: Himachal government will buy 65 metric tons of corn prepared from natural farming from 431 farmers of Mandi latest news
Published on: 21 October 2024, 12:38 PM IST

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