भारत पाकिस्तान से हर चीज में आगे निकल चुका है. अब तो भारत के पशु भी पाकिस्तान के पशुओं को पछाड़ने लगे है. जी हां, भारत के पशु पाकिस्तान के पशु दूध के मामले में आगे निकल गए हैं. बता दें कि हरियाणा की भैंस ने सबसे ज्यादा दूध देकर विश्व रिकार्ड तोड़ दिया है. इस लेख में पढ़िए.
पंजाब में तोड़ा पाकिस्तान का विश्व रिकार्ड
आपको बता दें कि पंजाब के लुधियाना के गांव जगरांव में डेयरी एंड एग्री एक्सपो प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. जिसमें हिसार के गांव लितानी की मुर्रा नस्लकी भैंस सरस्वती ने भाग लिया. किसान सुखबीर ढांडा की सात वर्ष की भैंस सरस्वती ने 33 किलो 131 ग्राम दूध देकर विश्व रिकार्ड बनाया है. इससे पहले पाकिस्तान की भैंस ने विश्व रिकार्ड तोड़ा था, लेकिन अब इस खिताब को भी भारत ने अपने नाम कर लिया है. जिससे हरियाणा में खुशी का माहौल है. हर कोई भैंस पालक किसान सुखबीर ढांडा को बधाई दे रहा है. देशभर में भैंस सरस्वती की चर्चा हो रही है. इतना ही नहीं, इस भैंस सरस्वती को देखने के लिए लोगों की भीड़ जमा हो रही है.
किसान ने मां को दिया श्रेय
किसान सुखबीर का कहना है इस कामयाबी के पीछे उनकी मां का हाथ है, लेकिन उनकी मां केलों देवी का कहना है कि 'जिस मुकाम पर आज उनका बेटा पहुंचा है. वह सब उसी की मेहनत का फल है. तो वहीं किसान सुखबीर का कहना है कि भैंस सरस्वती उनके बच्चों की तरह रखते हैं. उसकी देखभाल में कोई कमी नहीं रखते हैं. भैंस सरस्वती रोजाना चारे में करीब 10 किलोग्राम फीड खाती है. जिसमें चने का छिलका, बिनौला, खल, मक्की, सोयाबीन, नमक और आधा किलोग्राम गुड़ व 300 ग्राम सरसों का तेल मिलाया जाता हैं. इसके अलावा 3 किलोग्राम तुड़ी और कुछ हरा चारा भी खिलाया जाता हैं. साथ ही सर्दी और गर्मी से बचाने के लिए पूरी सावधानी बरते है. उन्होंने बताया कि वह साल 2007 से पशु पालन का काम कर रहे है. उनकी भैंस सरस्वती मुर्रा नस्ल की भैंस है. उनकी भैंस ने 33 किलो 131 ग्राम दूध देकर विश्व रिकार्ड बनाया है. इसके लिए उन्हें दो लाख रुपए का इनाम देकर सम्मानित किया गया है.
पाकिस्तान की भैंस का तोड़ा रिकॉर्ड
सुखबीर का कहना है रि इससे पहले भी उनकी एक चार दांत वाली भैंस पाकिस्तान का रिकॉर्ड तोड़ चुकी है. भैंस सरस्वती के साथ गंगा और जमुना नाम की भैंसें रह चुकी हैं. वह कई भैंस ब्यूटी कम्पीटिशन में भाग लेकर खिताब जीत चुकी हैं. उन्होंने बताया कि भैंस सरस्वती का ही एक कटड़ा है उसका नाम नवाब है. जिसके द्वारा वह हर साल लाखों रुपए कमा रहे हैं. दरअसल, किसान सुखवीर का कहना है कि नवाब के सीमन बेचकर उन्हें हर साल लाखों रुपये का फायदा होता है. अब देशभर से लोग ने भैंस सरस्वती को खरीदना चाहते है. इसके लिए किसान सुखवीर को 51 लाख रुपये तक का ऑफर दिया गया है, लेकिन किसान उसे बेचना नहीं चाहते है.
पशु पालकों को मिला संदेश
देश में पशुपालन करने वाले किसानों को संदेश मिला है कि वह खेतीबाड़ी के साथ पशु पालन का करें, साथ ही मुर्रा नस्ल की भैंस पालें. इससे पशुपालक को फायदा होगा. अगर सीमन बढिय़ा नस्ल का होगा, तो भैंस का कटड़ा या कटड़ी भी अच्छी नस्ल की होगी. अब किसान पशुपालन करके अपना भविष्य बेहतर बना सकते हैं.
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