हरियाणा सरकार ने किसानों के हित में एक अहम फैसला लिया है. राज्य के छोटे व आर्थिक रूप से कमजोर किसानों के लिए खेती करने के लिए सरकार की तरफ से अब अनुदान की सुविधा प्राप्त होगी. किसान अब से अपने खेतों में धान की फसल के अलावा अन्य दूसरी फसल की खेती कर अपनी आय को बढ़ा सकते हैं. इस कार्य के लिए सरकार की तरफ से किसान को प्रति एकड़ के हिसाब से करीब 10,000 रुपये की सुविधा प्राप्त होगी.
इसके अलावा राज्य के किसानों को अन्य कई सरकारी सुविधा का लाभ भी दिया जाएगा. आइए सरकार की इस पहल के बारे में यहां विस्तार से जानते हैं.
सरकार ने क्यों लिया यह फैसला
राज्य में इन दिनों सिंचाई जल की कमी सबसे अधिक देखने को मिल रही है. इस परेशानी को ध्यान में रखते हुए सरकार के द्वारा कम पानी में उगने वाली फसलों को प्रोत्साहन किया जा रहा है. इसलिए हरियाणा सरकार धान की फसल/Paddy Crop बोने की जगह अन्य फसल की खेती करने या फिर खेतों को खाली छोड़े पर 10 हजार रुपये प्रति एकड़ की राशि दे रही है. इस संदर्भ में हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय का कहना है कि पानी की बर्बादी को रोकने के लिए राज्य में नहरों के बुनियादी ढांचे में सुधार किया जाएगा.
किसानों को मिलेगी ये सुविधा
हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि राज्य के विकास के लिए किसानों का मजबूत होना जरूरी है. इसके लिए सरकार हरियाणा में करीब 500 हाईटेक सीएम पैक्स केंद्र बनवाएंगी. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सीएम पैक्स के जरिए किसानों को खाद-बीज और कीटनाशकों की जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी. इसके अलावा आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को खेती की उन्नत तकनीक के साथ ट्रेनिंग और वित्तीय सेवाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी. ऐसे में सीएम पैक्स किसानों के लिए वन-स्टॉप सेंटर का काम करेगी. वही, छोटे किसान समूह पैक्स को अनाज स्टोरेज के लिए गोदाम बनाने के लिए 1 करोड़ का मुफ्त लोन भी दिया जाएगा.
फसल विविधीकरण को बढ़ावा
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय हाल ही में आयोजित हुई 15वीं विधानसभा को संबोधित करते हुए सरकार की स्कीमों से लोगों को अवगत करवाया. इस दौरान उन्होंने कहा कि इन सभी स्कीमों पर काम करने का मुख्य उद्देश्य राज्य में फसल विविधीकरण को बढ़ावा देना है. ताकि किसान कम पानी की फसल को अपना सके.
इतना मिलेगा मुआवजा
राज्यपाल यह भी बताया कि राज्य के किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए मुआवजा भी दिया जाएगा. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह सुविधा राज्य के 49,000 किसानों को रबी फसलों के सीजन में 133.75 करोड़ रुपये का मुआवजा प्राप्त होगा. मुआवजे की राशि ई-खरीद पोर्टल/ E-procurement portal के जरिए किसानों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफ्र कर दी जाएगी. इसके अलावा किसानों को एमएसपी पर 1 लाख 24 हजार करोड़ रुपये मुआवजा दिया जा चुका है.
लेखक: नित्या दुबे