अगर इस वक्त किसानों की समस्याओं पर बात की जाए, तो सबसे बड़ी समस्या फसल की उचित मूल्यों पर बिक्री न होना है. कोरोना और लॉकडाउन ने फसल बिक्री को बहुत प्रभावित किया है. इस कारण कई किसानों की फसल खेत में पड़े हुए खराब हो गई, तो कई किसानों को आधे-पौने दामों में फसल बेचनी पड़ रही है. इससे किसानों को बहुत आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है. इसी बीच हरियाणा के किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है. अब राज्य के किसानों की टमाटर की 100 टन फसल रोजाना सीधे खेतों से उठाई जाएगी. यानी अब किसानों को कम दामों में टमाटर बेचने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी, साथ ही मंडियों में भी भटकना नहीं पड़ेगा.
सब्जी उत्पादकों कि लिए बड़ी खुशखबरी
हरियाणा सरकार ने सब्जी उत्पादकों को राहत देते हुए किसान उत्पादक संगठनों के सहयोग से एक विशेष कदम उठाया है. सरकार ने टमाटर उत्पादक किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए पहली बार बहुराष्ट्रीय कंपनी क्रीमिका से टाईअप किया है. बता दें कि इस मल्टीनेशनल कंपनी के प्लांट पंजाब और हिमाचल प्रदेश में स्थिति हैं. जहां यह कंपनी टोमेटो कैचअप, टोमेटो पेस्ट, टोमेटो प्यूरी जैसे विभिन्न उत्पाद तैयार करती हैं. इन उत्पादों को बनाकर देश और विदेश में बेचा जाता है.
किसानों के साथ कंपनी का सीधा टाइअप
राज्य सरकार और स्टेट फेडरेशन ऑफ हरियाणा फार्मर्स के सहयोग से किसानों के साथ और राष्ट्रीय कंपनी का सीधा टाइअप करवाया गया है. सरकार को उम्मीद है कि इससे किसानों को फसल की सही कीमत उपलब्ध होगी. इसके साथ ही अच्छा मुनाफा भी मिलेगा.
टमाटर की कीमत में इजाफ़ा
पिछले दिनों टमाटर का थोक रेट डेढ़ रुपए प्रति किलो चल रहा था, लेकिन अब इसकी कीमत 6 रुपए प्रति किलो से कम नहीं की जाएगी. अगर किसी वजह से टमाटर की कीमत गिरती है, तो राज्य सरकार भावांतर भरपाई योजना के तहत 6 रुपए की कीमत दिलवाएगी.
किसान उत्पादक संगठनों के पास होगा ट्रांसपोर्टेशन का जिम्मा
जानकारी के लिए बता दें कि जब किसान टमाटर कलेक्शन सेंटर (Tomato Collection Center) तक फसल पहुंचा देगा, तो कंपनी के प्लांट तक फसल पहुंचाने की जिम्मेदारी किसान उत्पादक संगठन (Farmer producer organization) उठाएगा. इसका आधा खर्च हरियाणा सरकार देगी. खास बात है कि केंद्र सरकार ने किसान उत्पादक संगठनों को ट्रांसपोर्टेशन में 50 प्रतिशत की सब्सिडी देने की योजना बनाई है. मगर हरियाणा सरकार यह सब्सिडी अपनी तरफ से ही किसान उत्पादक संगठनों को रिलीज करेगी. इसके बाद केंद्र सरकार से क्लेम कर दिया जाएगा.
किसानों को कलेक्शन सेंटर तक पहुंचाना होगा टमाटर
किसानों को बता दें कि राज्य के कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, करनाल, तोशाम, नूंह के विभिन्न गांवों में टमाटर कलेक्शन सेंटर स्थापित किए गए हैं. किसानों को अपनी टमाटर की फसल केवल इन कलेक्शन सेंटर तक पहुंचनी है. इन सेंटर पर सभी काम मार्केटिंग बोर्ड और बागवानी विभाग के अफसर की निगरानी में होंगे. किसानों से इन्हीं सेंटरों पर टमाटर की खरीद की जाएगी. खास बात है कि इन सेंटरों पर फसल की जो कीमत तय होगी, वह राशि डीबीटी द्वारा किसानों के खाते में भेज दी जएगी.