हरियाणा राज्य के किसानों के लिए अच्छी खबर है. हरियाणा सरकार ने किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कई सरकारी योजनाओं का पिटारा खोला है. अब किसानों को उनकी फसल से अच्छा मुनाफा और उन्नत तकनीक का लाभ मिलेगा.
हरियाणा के सीएम मुख्यमंत्री खट्टर लाल ने वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में किसान और कृषि कल्याण के लिए नई पहल की है. बता दें कि राज्य सरकार ने 1.77 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया है, जिसमें सरकार ने किसानों के लिए जीरो बजट प्राकृतिक खेती के मॉडल को अपनानाने से लेकर मत्स्य पालन को बढ़ावा देने तक के लिए कई अहम फैसलों की घोषणा की है. तो चलिए हरियाणा सरकार की तरफ से किये गये अहम फैसलों के बारे में जानते हैं.
प्राकृतिक खेती पर जोर (Emphasis On Natural Farming)
खट्टर ने कहा कि स्वस्थ जीवन के लिए प्राकृतिक और जैविक प्रथाओं पर आधारित 'शून्य बजट' ('Zero Budget') कृषि को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके लिए कम से कम 25 एकड़ के 100 क्लस्टर विकसित किए जाएंगे. वहीं दूसरी तरफ मत्स्य पालन (Fisheries) को बढ़ावा देने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card ) दिए जाएंगे और मछली किसानों को बीज उपलब्ध कराए जाएंगे. साथ ही झज्जर में अत्याधुनिक होलसेल फिश मार्केट की स्थापना की जाएगी. कुरुक्षेत्र में फिश म्यूजियम और सिंगापुर की तर्ज पर गुड़गांव में एक्वेरियम बनाया जाएगा.
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मूल राशि पर पूरी ब्याज राशि माफ (Full Interest Amount Waived On Principal Amount)
मुख्यमंत्री ने 30 सितंबर 2022 तक फसली ऋण, लघु, मध्यम अवधि के ऋण की मूल राशि का भुगतान करने पर किसानों के लिए ब्याज की पूरी राशि माफ करने की बात कही.
एक लाख गरीब परिवारों को डेयरी के लिए सहायता और जमीन (Aid And Land For Dairy To One Lakh Poor Families)
वहीँ राज्य सरकार ने अपने घोषणा में एक लाख गरीब परिवारों को वित्त वर्ष में डेयरी, भेड़, बकरी और बैकयार्ड पोल्ट्री की स्थापना को सहायता प्रदान करने की बात कही. इसके अलावा जिन पशुपालकों के पास उनके पशुओं को पालने के लिए जमीन नहीं है, उन्हें ग्राम पंचायत जमीन प्रदान कराएगी. इसके लिए विस्तृत योजना विकास एवं पंचायत विभाग अधिसूचना जारी की जाएगी.
देशी नस्ल के पशुओं के लिए 10 हजार की मदद (10 Thousand Help For Indigenous Breed Animals)
इसके साथ ही राज्य में पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए पशुओं की कई उन्नत नस्लें जैसे साहीवाल, हरियाणा और बेलही नस्ल आदि के लिए एंब्रयो ट्रांसफर टेक्नॉलाजी (ईटीटी) तकनीक को अपनाने पर किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा. ईटीटी तकनीक से पैदा होने वाले बछड़ों के लिए 10 हजार रुपये का प्रोत्साहन भी दिया जाएगा, ताकि राज्य में अच्छी गुणवत्ता वाले देशी पशुओं का जन्म हो सके.