शिक्षा के मध्यम से कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए देश में कई राज्य कृषि विश्वविद्यालय, केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, डीम्ड विश्वविद्यालय और केंद्रीय विश्वविद्यालय कृषि संकाय काम कर रहे हैं. इनका उद्देश्य नव युवाओं को कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर करने के साथ–साथ देश में किसानों को भी नयी तकनीक उपलब्ध कराना है.
इसी कड़ी में हरियाणा के चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार ने अटल रैंकिंग ऑफ इंस्टीट्यूशन्स ऑन इनोवेशन एंड एचीवमेंटस में कृषि विश्वविद्यालयों में देशभर में प्रथम स्थान हासिल किया है. यह रैंकिंग बीते दिन भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद की ओर से जारी की गई है. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बीआर काम्बोज ने इस उपलब्धि के लिए विश्वविद्यालय के शिक्षक व गैर शिक्षक कर्मचारियों को बधाई दी.
एएचयू को मिला दूसरी बार प्रथम अटल रैंकिंग अवार्ड (AHU Got The First Atal Ranking Award For The Second Time)
बताया जाता है कि देश के करीब 1438 विश्वविद्यालयों और संस्थानों सहित सभी आईआईटी एवं एनआईटी आदि ने हिस्सा लिया है. जिसमें कृषि विश्वविद्यालयों में एचएयू को लगातार दूसरी बार प्रथम रैंकिंग मिली है. इसके साथ ही सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त विश्वविद्यालयों के सभी विश्वविद्यालयों की श्रेणी में भी एएचयू ने देशभर में चौथा स्थान हासिल हुआ है.
आपको बता दें कि भारत में अटल रैंकिंग योजना की शुरुआत साल 2018 में की गयी थी. मिली जानकारी के अनुसार, साल 2020 में भी रैंकिंग के लिए कई शिक्षण संस्थान ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया था. तब भी एएचयू (AHU) ने प्रथम रेंकिंग हासिल किया था. उस वक़्त मात्र 674 शिक्षण संस्थान थे
अटल रैंकिंग अवार्ड का उद्देश्य (Purpose Of Atal Ranking Award)
अटल रैंकिंग ऑफ इंस्टीट्यूशन्स ऑन इनोवेशन एंड एचीवमेंटस का मुख्य उद्देश्य उच्च शिक्षण संस्थानों में इनोवेशन को बढ़ावा देना है. कई पैरामीटर के आधार पर शिक्षण संस्थाओं को रैंकिंग दी जाती है. विश्वविद्यालय को मिली इस रैंकिंग के लिए भारत सरकार द्वारा जो मापदंड निर्धारित किए गए हैं, उनमें बौद्धिक संपदा अधिकार, इनोवेशन, स्टार्टअप तथा उद्यमिता के कार्यक्रम व गतिविधियां शामिल होती हैं.