जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव के कारण भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद(आईसीएआर)के वैज्ञानिक टमाटर की एक ऐसी किस्म विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं. जिससे विपरीत परिस्थितियों में भी किसान प्रति पौधा 20 से 25 किलोग्राम टमाटर की पैदावार कर अपनी आय में भारी वृद्धि कर सकेंगे.
टमाटर की संकर किस्में के विकास का कार्य
परिषद के कर्नाटक स्थित भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान(आईआईएचआर)हेसरघट्टा,जलवायु परिवर्तन के कारण तापमान में आ रहे उतार चढ़ाव,अधिक वर्षा और सूखे की समस्या तथा बीमारियों के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए टमाटर की तीन-चार उच्च उत्पादकता वाले संकर किस्मों के विकास का कार्य अंतिम चरण में चल रहा है जिसे किसानों को खेती के लिए किसी भी समय जारी किया जा सकता है.
संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक टी.एच.सिंह ने बताया कि तीन चार साल पहले आईआईएचआर ने प्रति पौधा 19 किलो पैदावार देने वाले टमाटर की किस्म (Tomato Variety) अर्क रक्षक को खेती के लिए जारी किया था.
कर्नाटक के कई प्रगतिशील किसान अपने खेतों में अर्क रक्षक से प्रति पौधा 19 किलो पैदावार ले रहे हैं जिनमें चन्द्रपा प्रमुख है. टमाटर की अन्य किस्मों की पैदावार प्रति एकड़50टन तक ली जाती है जबकि अर्क रक्षक की पैदावार आदर्श स्थिति में 78 टन तक ली गई है.
ये किस्म इतने डिग्री तापमान को कर सकती हैं सहन
अभी जो टमाटर की किस्में हैं वो 30 से 35 डिग्री तापमान को सहन कर सकती हैं और अच्छी पैदावार देती हैं लेकिन नई किस्म 40 डिग्री तापमान में भी बेहतर पैदावार देगी. नई किस्म को वायरस के कारण होने वाली बीमारी‘टास्पो’प्रतिरोधी भी बनाया जा रहा है.