बिना रसायनों के आम को पकाने का घरेलू उपाय, यहां जानें पूरा तरीका पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान से जुड़ी सभी जानकारी, जानें कब, कैसे और किस प्रक्रिया का करें इस्तेमाल 150 रुपये लीटर बिकता है इस गाय का दूध, जानें इसकी पहचान और विशेषताएं भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! आम की फसल पर फल मक्खी कीट के प्रकोप का बढ़ा खतरा, जानें बचाव करने का सबसे सही तरीका
Updated on: 27 September, 2021 1:50 PM IST
Aroma Farming

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला से मुलाकात की और किसानों की आय बढ़ाने के मकसद से जम्मू-कश्मीर के लिए एक एकीकृत अरोमा डेयरी उद्यमिता का प्रस्ताव रखा. विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा कि जम्मू और कश्मीर में पशुपालन के साथ-साथ डेयरी संसाधनों का प्रचुर भंडार है और सुझाव दिया कि इसे अरोमा मिशन के साथ प्रभावी ढंग से एकीकृत किया जा सकता है, जिसे वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) द्वारा इस केंद्र शासित प्रदेश में पहले ही शुरु किया जा चुका है.

इसके अलावा, उन्होंने कहा कि इससे एकीकृत अरोमा डेयरी उद्यमिता का मार्ग प्रशस्त होगा, लम्बे समय तक विकास को सुनिश्चित होगा, इस माध्यम से आय में वृद्धि के साथ साथ किसानों की जिंदगी में नए रास्ते भी खुलेंगे.

क्या है अरोमा मिशन

भारत में आज भी ज्यादातर किसान पारम्परिक तरीकों से खेती करना पसंद करते है. इसके पीछे जानकारी का आभाव शुरू से होता आया है. ऐसी दिक्कतों से झुटकारा दिलाने के लिए CSIR ने देश भर में अरोमा मिशन नाम से इस अभियान को 2017 में शुरू किया था. इस मिशन के तहत उन सभी किसानों को सुगंधित फसलों की उपज पर जानकारी देना था ताकि वो भी पारम्परिक तरीकों से हट कर इस तरह की खेती को भी कर सकें.

मिशन को सफल बनाते हुए पिछले कई सालों में किसानों के बीच मेंथा, खस, पामारोजा, जिरेनियम, लेमन ग्रास जैसी कई अन्य सुगंधित फसलों की खेती करने की आदत बढ़ी है. इन फसलों की खास बात है की ये कम लगत में भी अच्छा मुनाफा दिलाती है. इन से निकलने वाली सुगन्धित तेलों का इस्तेमाल दवा, परफ्यूम, कॉस्मेटिक आइटम्स, हर्बल प्रोडक्ट जैसे चीज़ों के उत्पादन में किया जाता है. 

इन उद्योगों के लिए सालाना अतिरिक्त 700 टन आवश्यक तेलों का उत्पादन होता है. बढ़ती मांग और तेलों के उपयोग को देखते हुए आने वाले समय मे कम से कम 200 करोड़ का कारोबार होने की संभावना है. जिसका सीधा मुनाफा हमारे देश के किसानों को भी मिलेगा. 

English Summary: Growing Demand for Aroma Products
Published on: 27 September 2021, 02:04 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now