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Updated on: 9 May, 2019 5:49 PM IST

अदामा इंडिया देश की जानी मानी कृषि रसायन कंपनी है, यह कंपनी  भारतीय किसानों को व्यापक फसल सुरक्षा समाधान प्रदान करती है, हाल ही में कंपनी ने अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना - सूत्रकृमि (AICRP-N) और सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के साथ मिलकर मेरठ (यूपी) में, टमाटर पर परजीवी सूत्रकृमि के नियंत्रण के लिए अदामा इंडिया के नवीनतम उत्पाद निमिट्ज़ के सफल परिणामों का निरीक्षण करने के लिए किसानों  के लिए 3 दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया. यह कार्यक्रम फील्ड डे के तौर पर हुआ इस कार्यक्रम का उद्घाटन सरदार वल्लभभाई पटेल विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रोफेसर गया प्रसाद  और अदामा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड  के सीईओ उरी रूबिंस्टीन  द्वारा सुबह 10.30 बजे किया गया.

अदामा इंडिया ने निमिट्ज़ उपचारित टमाटर और खीरे पर 15 प्रतिशत की औसत पैदावार बढ़ी है, जो पिछले परीक्षणों पर आधारित था, जो उत्पादकों के मुनाफे में स्पष्ट वृद्धि को दर्शाता है.

टमाटर के खेत में प्रदर्शन 1000 (sq.mt )  में फैला हुआ है और फसलों की आयु लगभग 60 दिनों की है.  खेत में प्रदर्शनी के दौरान, किसान निमिट्ज़ के उपचरित और अनुपचारित फसलों के बीच परिणामों का स्पष्ट रूप से निरीक्षण और तुलना कर रहे थे. किसानों द्वारा देखे गए प्रमुख परिणाम हैं:

जड़ों में गांठ बनने पर प्रभावी प्रबंधन

अनुपचारित फसलों में, जोड़ों में गांठ का गठन पहले ही शुरू हो चुका है, जबकि निमिट्ज़ उपचारित पौधों (लगाने के 2 महीने बाद) भी इसे प्रभावी रूप से प्रबंधित किया जाता है  और गांठ के गठन को स्थगित किया जाता है - जो सूत्रकृमि प्रबंधन का एक स्पष्ट संकेतक है.

स्वस्थ जड़ें

निमिट्ज़ उपचारित फसलों में जोड़ों के विकास को स्वस्थ और मजबूत देखा गया, जबकि अनुपचारित पौधों में जड़ें रूखी, अविकसित और गांठ वाली होती हैं.

स्वस्थ फूल और फल की स्थापना

अनुपचारित खेतों की तुलना में निमिट्ज़ उपचारित पौधों में स्वस्थ विकास के सभी लक्षण, अच्छी कैनोपी के साथ, अधिक संख्या में फूल और फलों की स्थापना को प्रदर्शित करते हैं.

इस उत्पाद लॉंच में, अदामा इंडिया के सीईओउरी रूबिंस्टीन ने कहा,”यह AICRP, सरदार वल्लभभाई पटेल विश्वविद्यालय और अदामा इंडिया के बीच, पहला अपनी तरह का एक अनोखा प्रयास है. जिसका मुख्य ध्यान भारतीय किसानों को उनकी फसलों को मूल-सूत्रकृमि से बचाने में मदद करना है.

उन्होंने कहा मैं आज यहां सैकड़ों किसानों को देखकर खुश हूँ. जो इन परिणामों का निरीक्षण करने आए हैं. जैसा कि स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है , निमिट्ज़ भारतीय किसानों को सबसे अच्छा समाधान प्रदान करते हैं और उन्हें सूत्रकृमि संक्रमण की वजह से होने वाले गंभीर उपज हानि से बचता है. उन्होंने आगे कहा, “ अदामा इंडिया दूसरी हरित क्रांति का एक हिस्सा है और हम भारतीय किसानों की मदद के लिए बेहतर इज़रायली तकनीक लाने की कोशिश कर रहे हैं. निमिट्ज़ एक ऐसा नवाचार है जो भारतीय किसानों को बड़े पैमाने पर मदद करेगा और मैं इसका टमाटर में सकारात्मक परिणाम देखकर खुश हूँ.

इस कार्यक्रम में बोलते हुए, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक  विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. गया प्रसाद ने कहा , “विभिन्न फसलों में सूत्रकृमि की समस्या बढ़ रही है. अदामा, AICRP-N, और सरदार वल्लभभाई पटेल विश्वविद्यालय के बीच यह तकनीकी सहयोग सूत्रकृमि प्रबंधन के लिए अच्छे परिणाम दिखा रहा है.

निमिट्ज़ अदामा इंडिया का एक बेहतरीन उत्पाद है और मैं सभी किसानों को इसे सफल सूत्रकृमि प्रबंधन के लिए उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करता हूँ.

फील्ड डे कार्यक्रम किसानों, वैज्ञानिकों और अन्य लोगों के लिए एक अवसर है कि वे परजीवी सूत्रकृमि को समझें और निमिट्ज़ का उपयोग करके उन्हें कैसे टमाटर पर नियंत्रित करें. यह कार्यक्रम सभी के लिए खुला है. यह कार्यक्रम मेरठ के दौराला आयोजित किया गया.

इस रिपोर्ट में दर्ज की गई उपज और परिणाम कई अलग-अलग खेतों में अदामा इंडिया द्वारा किए गए इन-हाउस ट्रायल पर आधारित हैं.

निमिट्ज़ क्या है?

निमिट्ज़ एक सच्चा नेमटिसाइडल घोल है जो फसल को सूत्रकृमि खिलाफ संपूर्ण सुरक्षा प्रदान करता है और किसानों को गंभीर फसल नुकसान से उभरने में मदद करता है . निमिट्ज़ के दाने, फसल की प्रारंभिक अवस्था से ही जड़ों को सुरक्षा प्रदान करता है , जिससे फसल की वृद्धि  बेहतर होती है .

सूत्रकृमि क्या हैं?

सूत्रकृमि छिपे हुए सूक्ष्म जीव होते हैं जो दिखने में पारदर्शी शरीर के साथ कीड़े की तरह होते हैं. उनके मुंह सुई की तरह नुकीले होते है , जिससे वे पौधे की जड़ों को पंचर करते हैं और पोषक तत्वों को चूस लेते हैं. पौधे परजीवी सूत्रकृमि जड़ ऊतक में प्रवेश करते हैं और अपने जीवन चक्र की शुरुआत करते  हैं जिसके परिणाम स्वरूप जड़ों में गाँठे होती है. संक्षेप में, सूत्रकृमि छिपे हुए दुश्मन हैं जो फसलों की विस्तृत श्रृंखला को नुकसान पहुंचाते हैं. इस कार्यक्रम के आयोजन में ७०० से अधिक किसान सम्मिलित हुए. तीन दिन में आस-पास के क्षेत्र से किसान निमाटोड (सूत्रकृमि) के इस कार्यक्रम को देखने आये. कार्यक्रम में किसानों सूत्रकृमि से किस तरीके से निपटा जा सकता है इस बारें में विस्तारपूर्वक जानकारी  दी गयी. यह कार्यक्रम काफी सफल रहा ादामा इंडिया की टीम ने बताया की इस तरीके के और भी कार्यक्रम देशभर में आयोजित किए जायेंगे.

निमिट्ज़ कैसे काम करता है?

निमिट्ज़ सूत्रकृमि में तीव्र और अपरिवर्तनीय पक्षाघात का कारण बनता है. अधिकांश नॉन-फ्यूमिगेंट्स सूत्रकृमि को मारने के बजाय अस्थायी रूप से लकवा मारते हैं.  जिससे सूत्रकृमि ठीक हो जाता है जब रासायन मिट्टी के माध्यम से बाहर निकाल जाता है. हालांकि, निमिट्ज़ के कारण सूत्रकृमि 1-2 घंटे के बाद खाना बंद कर देता है और अंततः 24 से 48 घंटों में उनकी मृत्यु हो जाती है.

निमिट्ज़ का उपयोग खीराभिंडी और टमाटर पर किया जा सकता है. कंपनी की अतिरिक्त फसलों जैसेअनार और शिमला मिर्च के लिए लेबल विस्तार के लिए आवेदन करने की योजना है. जिसमें उन्होंने उत्कृष्ट परिणाम देखे हैं

निमिट्ज़ देश भर के सभी प्रमुख फसल सुरक्षा समाधान प्रदान करने वाले डीलरों के पास उपलब्ध होगा. निमिट्ज़ के बारे में किसी भी प्रश्न या अधिक जानकारी के लिए, किसान अदामाइंडिया  के किसान सेवा केंद्र  1800 103 4991 पर संपर्क कर सकते हैं.

English Summary: Great success in Socrates control
Published on: 09 May 2019, 05:52 PM IST

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