यूं तो भारत कृषि प्रधान देश है लेकिन कृषि के प्रति सरकारी उदासीनता के चलते किसानों का इससे मोहभंग हो रहा है। किसानों के लिए खेती करना फायदे का सौदा नहीं रहा। ऐसे में किसान के बेटे भी खेती के बजाय किसी कम्पनी में नौकरी करना पसंद कर रहे हैं। यानी देश के युवा की दिलचस्पी खेती में नहीं है। लेकिन कुछ युवा आईआईटी इंजीनियर्स की राय इससे जुदा है। हालांकि वे खेती तो नहीं कर रहे हैं लेकिन इन युवा आईआईटी इंजीनियर्स ने किसानों के लिए ऐसा एप बनाया है जो उनकी कृषि सम्बंधी हर समस्या का समाधान कर रहा है। इन्हें बनाने वाले इन युवा इंजीनियर्स का दावा है कि ग्रामोफोन नामक यह एप पहला ऐसा है जो सिर्फ किसानों के लिए ही बना है।
ये सुविधा हैं एप में
इस एप में किसानों की हर समस्या का समाधान है। इस एप के जरिए किसान पूरे फसल चक्र के दौरान कृषि सम्बंधी समस्याओं से तत्काल राहत पा सकते हैं। इस एप पर उन्हें विशेषज्ञों की सलाह भी मिलती है। इस एप को बनाने वाली कम्पनी किसानों को एक टोल फ्री नम्बर (18001236566) सुविधा देती है। इस पर किसान अपने मोबाइल से मिस कॉल दे सकता है। इसके बाद किसान के मोबाइल नम्बर पर ग्रामोफोन के कृषि विशेषज्ञ कॉल करके किसान से बात करके उसकी समस्याओं, जिज्ञासाओं को हल करते हैं और उसे कृषि सम्बंधी उचित सलाह देते हैं। विशेषज्ञों की ओर से उन्हें कृषि उत्पादों, दवाई, कीटनाशक आदि के बारे में सलाह दी जाती है। इसके जरिए किसान अपनी फसल का उत्पादन बढ़ा सकते हैं। इसके साथ ही किसान कॉल सेंटर या ग्रामोफोन एप के जरिए अपनी जरूरतों का ऑर्डर भी दे सकता है। इसके साथ ही एप पर मौजूद सामुदायिक सुविधा पर किसान विशेषज्ञों और सह-किसानों से भी सम्पर्क कर सकते हैं।
कृषि विशेषज्ञ से नहीं है कम
आमतौर पर किसान बहुत पढ़ा-लिखा नहीं होता है। ऐसे में वह खेती सम्बंधी अपनी समस्याओं के लिए हमेशा परेशान ही रहता है। क्योंकि उसके आस-पास ऐसा कोई नहीं मिलता, जो उसके खेती सम्बंधी सवालों का जवाब दे सके। ऐसे में ग्रामोफोन एप किसानों के लिए किसी कृषि विशेषज्ञ से कम नहीं है। किसानों को कौन सा कीटनाशक कितनी मात्रा में और किस फसल में डालना चाहिए, फसल के पोषण की उचित जानकारी, अपनी जमीन से ज्यादा मात्रा में पैदावार कैसे ली जाए, अच्छी किस्म के बीज, दवाइयां, कीटनाशक उचित दाम पर कहां मिलेंगे, बिना बाजार जाए, उसे कृषि सम्बंधी दवाइयां और कीटनाशक कहां से प्राप्त हो सकते हैं। मंडी के भाव और मौसम की जानकारी उसे कौन देगा। ये सभी सवालों के जवाब ग्रामोफोन के पास हैं।
खेती में टेक्नोलॉजी का तड़का
इस एप का आइडिया आईआईटी इंजीनियर्स निशांत वत्स, तोसीफ खान, हर्षित गुप्ता और आशीष सिंह को आया। इन सभी ने आईआईएम अहमदाबाद से एमबीए भी किया हुआ है।
इन्होंने जून 2016 में इस पर कार्य करना शुरू किया। इसके लिए उन्होंने कृषि क्षेत्र में गहराई से कार्य किया। इनका कहना है कि वर्तमान युग प्रौद्योगिकी का है। ऐसे में इनका मानना है कि प्रौद्योगिकी के जरिए जमीन का संयोजन कर किसान उत्पादकता में सुधार ला सकता है।
मिस कॉल करें टोल फ्री नंबर 18001236566 पर और जानिये अपनी कृषि सम्बंधित समस्याओं का हल