देशभर में 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक (Single Use Plastic) के इस्तेमाल को बैन कर दिया है. बता दें कि सरकार के इस फैसले को कई कंपनियों ने कुछ समय के लिए टालने के लिए कहा था, क्योंकि कंपनियों का कहना था कि बैन होने वाली कई प्रोडक्ट प्लास्टिक स्ट्रॉ में मौजूद हैं.
जिसे अब पेपर स्ट्रॉ (paper straw) के साथ जोड़कर ग्राहकों तक पहुंचाना है. इसलिए अब कई कंपनियां अपने प्रोडक्ट के लिए सरकार से पेपर स्ट्रॉ के आयात के लिए वक्त मांग रही हैं.
यूफ्लेक्स का 100 करोड़ निवेश (Uflex invests 100 crores)
देश में प्लास्टिक बैन होने के बाद पेपर स्ट्रॉ के लिए पैकेजिंग कंपनी यूफ्लेक्स (Uflex) लिमिटेड ने गुजरात के साणंद स्थित पैकेजिंग प्लांट में लगभग 100 करोड़ रुपए का शुरूआती निवेश किया है. इनकी मदद से कंपनी बहुत से स्थानीय स्तर पर पेपर स्ट्रॉ की तैयारी करके सप्लाई कर सकती है.
यूफ्लेक्स लिमिटेड के मुख्य वित्त अधिकारी (CFO) राजेश भाटिया ने बताया कि लगभग 6 अरब स्ट्रॉ पैकेट की आवश्यकता होगी. इसे पूरा करने के लिए कंपनी को लगभग 6 महीने से लेकर 1 साल तक का समय लग सकता है. उन्होंने यह भी बताया कि कंपनी इस साल के अंत यानी अक्टूबर -नवंबर तक रोजमर्रा का जरूरी सामान तैयार करने वाली कंपनियों को पेपर स्ट्रॉ देना शुरू कर देंगी.
देशभर में पेपर स्ट्रॉ का आयात (Import of paper straws across the country)
पेपर स्ट्रॉ के आयात (paper straw imports) को लेकर कंपनी का कहना है कि साल 2022-23 की दूसरी तिमाही में पेपर स्ट्रॉ के प्रोडक्शन शुरू हो जाएंगे. इस क्रम में कंपनी हर महीने लगभग 10 करोड़ पेपर स्ट्रा को तैयार करेंगी. इस योजना में कई बड़ी कंपनियां आगे बढ़कर काम कर रही हैं और अब अमूल कंपनी ने भी इस दिशा में अपने कदम बढ़ा दिए हैं.
वहीं, अगर हम मदर डेयरी की बात करें, तो इस कंपनी ने पेपर स्ट्रॉ के आयात का काम शुरू भी कर दिया है. इस विषय में मदर डेयरी फ्रूट एंड वेजिटेबल प्राइवेट लिमिटेड (Mother Dairy Fruit And Vegetable Private Limited) के प्रबंध निदेशक मनीष बंदलिश का कहा था कि कुछ समय पहले मदर डेयरी पेपर स्ट्रॉ (Mother Dairy Paper Straw) का आयात करेगी.
अमूल ने सरकार को किया था अनुरोध (Amul had requested the government)
सर्वप्रथम देश की सबसे बड़ी डेयरी समूह अमूल ने सरकार को प्लास्टिक स्ट्रॉ पर बैन टालने का अनुरोध किया था. ये ही नहीं अमूल ने यह भी कह दिया था कि किसान भाइयों पर दूध की खपत पर नकारात्मक प्रभाव देखने को पड़ सकता है.
कंपनी का कहना है कि सरकार देशभर में जब तक पेपर स्ट्रॉ के उत्पादन को सही तरह से विकसित नहीं कर देती, तब तक प्रतिबंधों को लागू न करें.