खुशखबरी! केंचुआ खाद तैयार करने पर राज्य सरकार देगी 50,000 रुपए तक अनुदान, जानें पूरी योजना पशुपालक किसानों के लिए खुशखबरी! अब सरकार दे रही है शेड निर्माण पर 1.60 लाख रुपए तक अनुदान गर्मी में घटता है दूध उत्पादन? जानिए क्या है वजह और कैसे रखें दुधारू पशुओं का खास ख्याल Rooftop Farming Scheme: छत पर करें बागवानी, मिलेगा 75% तक अनुदान, जानें आवेदन प्रक्रिया Diggi Subsidy Scheme: किसानों को डिग्गी निर्माण पर मिलेगा 3,40,000 रुपये का अनुदान, जानें कैसे करें आवेदन Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Tarbandi Yojana: अब 2 बीघा जमीन वाले किसानों को भी मिलेगा तारबंदी योजना का लाभ, जानें कैसे उठाएं लाभ? Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 19 December, 2022 5:41 PM IST
रामलीला मैदान में किसानों ने की अपनी आवाज बुलंद

किसानों को फसल की लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य देने की पिछले कई वर्षो से भारतीय किसान संघ की मांग चलती आ रही है. अभी तक किसी भी सरकार ने इस समस्या का हल करने के लिए कोई कदम नहीं  उठाया. किसान जो उत्पादन करता है परंतु उसके मूल्य निर्धारण करने का अधिकार उसके पास नहीं है. उत्पाद का लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य न मिलने के कारण किसान की रोजमर्रा की समस्याऐं ज्यों की त्यों हैं. इसलिए किसानों को लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य देने की व्यवस्था होनी ही चाहिए.

किसानों ने राष्ट्र को कृषि उत्पादों में स्वावलम्बी करने की जिम्मेदारी पूर्ण की है, अब सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि किसानों के कृषि उत्पादों की लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने की व्यवस्था बनाये. यद्धि सरकार का किसान सम्मान निधि सही दिशा में एक अच्छा कदम है, लेकिन वह अपर्याप्त है. जब यह लागू हुआ तब किसानों ने उसका खुले दिल से स्वागत किया था. लेकिन वर्ष 2022 की किसान सम्मान निधि 6000 रु. प्रति वर्ष आज की स्थिति में सारे आदानों में हुए मूल्य वृद्धि के कारण बहुत ही कम है. इसलिए किसान सम्मान निधि (Kisan Samman Nidhi) को आदानों में मूल्य वृद्धि के साथ जोड़ते हुए उसके वृद्धि की व्यवस्था होनी चाहिए.

किसान खाद्यान उत्पादन के लिए बीज, खाद्, औषधि, औजार जैसे आदानों को खरीदी पर जी.एस.टी. देता है. आदानों पर दिये गये जी.एस.टी. का इनपुट क्रेडिट किसानों को रिफंड नही होता है जबकि कानून में उत्पादक को जी.एस.टी. क्रेडिट देने की व्यवस्था है. यह किसानों के साथ घोर अन्याय है, इसलिए कृषि आदानों से जी.एस.टी. को समाप्त किया जाऐ. हाल ही में पर्यावरण मंत्रालय ने जी.एम. सरसों को अनुमति दे दी है. एक ओर आप प्राकृतिक खेती, जैव विविधत्ता, मधुमक्खी पालन और पंचमहाभूत के संरक्षण की बात करते है, दूसरी ओर पर्यावरण मंत्रालय इन सभी के एकदम विपरित जी.एम. फसलों की तरफदारी कर रहा है. जी.एम. के कारण फसल का उत्पादन बढ़ेगा ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है, बल्कि जैव विविधता को यह नष्ट करेगा. खरपतवारनाशी के प्रयोग के कारण कैंसर का खतरा बढ़ेगा तथा औषधीय पौधे समाप्त होगें. मधुमक्खी को हानी पहुंचायेगा. इस पर गंभीरता से सोचते हुए इस आदेश को तत्काल वापिस लिया जाए.

किसान प्रतिनिधि पहुंचे रामलीला मैदान

लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य के साथ कृषि और किसानों के हित में सरकार कदम उठायें, यह मांग भारतीय किसान संघ अपने स्थापना वर्ष 1979  से करते आ रहा है. ग्राम-तहसील/ विकासखण्ड से लेकर राजधानी दिल्ली तक सेकड़ों बार धरने, मोर्चा, ज्ञापन देना जैसे प्रदर्शनों से सरकार का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया है, इसी क्रम में आज देशभर के किसान प्रतिनिधि बड़ी संख्या में रामलीला मैदान राजधानी दिल्ली में उपस्थित होकर अपनी आवाज बुलंद करते हुए सरकार के सामने अपनी निम्न मांगे रख रहे हैं.

मांगे

फसल के लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य देना सुनिश्चित करें.

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में आदानों की दर वृद्धि के अनुपात में वृद्धि हो .

कृषि आदानों को जी.एस.टी. मुक्त करें.

जी. एम. फसलों को दी गई अनुमति तत्काल रद्द करें.

आशा है कि आप इन मुद्दो पर गंभीरता से विचार करते हुए सकारात्मक कदम उठाएंगे.

English Summary: Government should ensure remunerative price to farmers on the basis of cost of crops
Published on: 19 December 2022, 05:44 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now