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Updated on: 24 May, 2020 2:55 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान में मध्य प्रदेश भी हिस्सा लेने जा रहा है.  राज्य सरकार ने लगभग 100 करोड़ रुपए की एक योजना तैयार कर रही है. इसके तहत हर साल 10 हजार हक्टेयर में औषधीय खेती का रकबा बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा. राज्य सरकार ने औषधीय खेती के लिए लगभग 1 दर्जन से अधिक जिलों का चुनाव किया है. यहां अलग-अलग औषधियां उगाने के क्लस्टर बनाए जाएंगे. राज्य सरकार का लक्ष्य है कि किसानों को औषधीय खेती से जोड़कर उनकी पैदावार की मार्केटिंग की जाएगी, साथ ही उन्हें प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने के लिए भी प्रेरित किया जाए. बता दें कि राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस योजना की समीक्षा कर रहे हैं. इस योजना को अंतिम रूप देकर मंजूरी के लिए प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा जाएगा.

इतने हेक्टेयर क्षेत्र में होती है खेती

फिलहाल राज्य में लगभग 35 से 40 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में औषधियों की खेती की जाती है.  इसमें आगर-मालवा, देवास, नीमच, होशंगाबाद, अनूपपुर, दतिया मंदसौर, रतलाम, शाजापुर, बैतूल, मंडला, शहडोल आदि जिले शामिल हैं.

इन औषधीय फसलों की होती है खेती

  • अश्वगंधा

  • शतावरी

  • इसबगोल

  • तुलसी

  • कालमेघ

  • गिलोय

  • चंद्रसूर

  • एलोवेरा

राज्य सरकार की योजना

किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए औषधीय खेती को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके साथ ही देश को आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद मिलेगी. बता दें कि गिलोय, अश्वगंधा, शतावरी, ग्वारपाठा जैसी औषधियां रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती हैं. ऐसे में ये कोरोना वायरस से लड़ने में मदद करेंगी.

इस साल पहली बार कुछ किसानों को गूगल लगवाया है, जिसके पौधे गुजरात से आए हैं. यह दूध के रूप में निकलता है, जिसका लेटेक्स गोंद कैंसर, हृदय रोग जैसी बीमारियों से लड़ने में मदद करता है. अगर राज्य सरकार की बनाई योजना सफल होती है, तो किसानों की एक बड़ी सफलता होगी.

English Summary: Government of madhya pradesh by the cultivation of drugs farmers' income will increase
Published on: 24 May 2020, 02:59 PM IST

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