बिहार में अत्यधिक बारिश के चलते कई इलाकों में बाढ़ जैसे स्थिति पैदा हो गयी है. जलस्तर ऊपर आने के वजह से खेतों में पानी भर चुका है, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.
अत्यधिक बारिश के कारण जो खेत परती रह गए, उन पर बिहार सरकार किसानों को मुआवजा देगी.आपको बता दें किसानों के दुःख को समझते हुए बिहार सरकार इन दिनों किसानों के साथ खड़ी नजर आ रही है. किसानों को नुकसान का बोझ खुद ही पूरा न उठाना पड़े ऐसे में कृषि विभाग ने राज्य के ऐसे 30 जिलों को चिह्नित कर लिया है, जहां अत्यधिक बारिश और बाढ़ के कारण खेतों में फसल नहीं लग पाई है.
कृषि इनपुट अनुदान योजना के तहत मिलेगा मुआवजा
बाढ़ और अत्यधिक वर्षा के कारण किसानों की खेती नहीं हो पाई जिस वजह से उनकी जमीनें परती रह गई है. परती जमीन के लिए भी कृषि विभाग किसानों को मुआवजा देगी. कृषि इनपुट अनुदान योजना के तहत दी जानेवाली इस मुआवजा राशि को लेकर जिलों को चिह्नित कर लिया गया है. कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह के मुताबिक, अब तक राज्य के 30 जिलों को चिह्नित कर लिया है.
चिन्हित्त जिलों में पटना, नालंदा, भोजपुर, बक्सर, भभुआ, गया, जहानाबाद, सारण, सीवान, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चम्पारण, पश्चिमी चम्पारण, सीतामढ़ी, वैशाली, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, बेगूसराय, मुंगेर, शेखपुरा, लखीसराय, खगड़िया, भागलपुर, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, पूर्णियां, अररिया और कटिहार जैसे जिले शामिल हैं, जहां बाढ़ और अत्यधिक बारिश के कारण फसल की क्षति हुई है.
इसके अलावा, ऐसे जिले भी हैं, जहां अन्य कारणों से खेती की जमीन परती रह गई है. इसमें नालंदा, बक्सर, सारण, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चम्पारण, पश्चिमी चम्पारण, सीतामढ़ी, वैशाली, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, सहरसा, अररिया और कटिहार शामिल हैं.
कौन-कौन उठा सकता है मुआवजा का लाभ
कृषि विभाग ने मुआवाजा देने के लिए कुछ शर्त भी रखी हैं. इसके मुताबिक, वैसी परती भूमि, जिस पर पिछले तीन वर्षों में फसल लगाये हों, उसी खेत के इस साल परती रहने पर मुआवजा मिलेगा. यानि जिन खेतों में पिछले तीन वर्षों से किसानों द्वारा कोई भी खेती नहीं की गयी, उन्हें इस मुआवज़ा का लाभ नहीं मिलेगा. कृषि विभाग की तरफ से फसल क्षति के लिए मुआवजे की राशि भी निर्धारित कर दी गई है.
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आपको बता दें वर्षा पर आश्रित रहने वाले फसल क्षेत्र के लिए 6,800 रुपए प्रति हेक्टेयर, जबकि सिंचित क्षेत्र के लिए 13,500 रुपए प्रति हेक्टेयर मुआवजा मिलेगा. शाश्वत फसल (गन्ना सहित) के लिए 18,000 रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से मुआवजा दिया जाएगा. परती भूमि के लिए भी 6,800 रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से कृषि इनपुट अनुदान दिया जाएगा. यह अनुदान प्रति किसान अधिकतम दो हेक्टेयर ही दिया जाएगा.
किसान को इस योजना के अंतर्गत फसल क्षेत्र के लिए न्यूनतम 1,000 रुपए मुआवजा दिया जाएगा. ये अनुदान सभी प्रभावित रैयत एवं गैर रैयत किसान को दिया जाएगा.