डेटा सिक्योरिटी और हैकिंग जैसी खबरें दिनोंदिन बढ़ती जा रही है. जिसके चलते डेटा सिक्योरिटी को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए गृह मंत्रालय ने सरकारी कर्मचारियों के लिए पहली बार सोशल मीडिया को लेकर पॉलिसी जारी की है.तो अगर आप सरकारी कर्मचारी है और दफ्तर में काम करने के दौरान फेसबुक और वॉट्सऐप चलाते है तो यह खबर आपके लिए बेहद ही जरूरी है. नई पॉलिसी के तहत अब सरकारी कर्मचारी अपने ऑफिस के कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाईल और फिर किसी भी दूसरे डिवाइस पर फेसबुक और वॉट्सऐप जैसे किसी भी सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे. मंत्रालय का इस संबंध में कहना है कि ऑफिस में सोशल मीडिया के इस्तेमाल से पूर्व कर्मचारियों को अनुमति लेनी पड़ेगी.
मंत्रालय ने जारी किया 24 पन्नों का नोट
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी गाइडलाइन के तहत सरकारी अधिकारियों के अलावा यहां पर कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले पूरे स्टाफ, कंसलटेंट और थर्ड पार्टी इन्फॉर्मेशन सिस्टम, सुविधा और कम्युनिकेशन सिस्टम को मैनेज करने वालों को शामिल कर लिया गया है. गृह मंत्रालय ने अपनी तरफ से 24 पन्नों के नोट में कहा है कि यह लोग किसी भी अधिकारिक सूचना को सोशल मीडिया और सोशल नेट वर्किग साइट पर सार्वजनिक नहीं करेंगे. ऐसा तब तक नहीं होगा जब तक सरकार की तरफ से आदेश जारी न हों.
ई-मेल को लेकर जारी हुए निर्देश
गृह मंत्रालय ने अपने आदेश में ई-मेल को लेकर सरकारी कर्माचारियों को भी कहा है कि कोई भी सीक्रेट और गोपनीय सूचनाएं ईमेल के सहारे ना भेजी जाएं. इसके अलावा अधिकारिक ईमेल अकांउटस को पब्लिक वाई-फाई पर ना खोले. इसके अलावा मीडिया एक्सेस कंट्रोल यानि कि मैक अड्रैस को अपनाने की सलाह दी गई है.
सभी कर्मचारियों को हिदायत
नई पॉलिसी के तहत सरकारी कर्मचारियों को बिना प्रमाणिक अधिकार के ऑफिस के बाहर यूएसवी डिवाइस को ले जाने की परमिशन नहीं है. मंत्रालय ने कहा है कि कोई भी कर्मचारी सीक्रेट दस्तावेज प्राइवेट क्लाउड सर्विसेज जैसे गूगल ड्राइव, ड्रॉप बॉक्स, आईक्लाउड पर स्टोर नहीं करेगा. अगर मना करने के बाद भी किसी सरकारी कर्माचरी ने इस तरह का कोई कार्य किया तो उसके खिलाफ डेटा को लीक करने के मामले में कानूनी कार्यवाही की जाएगी.
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