PM Aasha Yojana: त्योहारी सीजन की शुरूआत होने से पहले ही भारत सरकार ने किसानों को तोफे देने शुरू कर दिए है. दरअसल, केंद्रीय कैबिनेट ने किसानों को राहत देने के उद्देश्य से दो बड़े फैसले लिए हैं. केंद्र ने किसानों को बेहतर मूल्य और आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में उतार-चढ़ाव का नियंत्रण करने के लिए प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान पीएम आशा (PM Aasha) को मंजूरी दी है. साथ ही रबी सीजन के लिए उर्वरकों पर सब्सिडी को भी मंजूर दी गई है. इन योजनाओं पर केंद्र सरकार के द्वारा लगभग 60 हजार करोड़ रुपये का खर्च किया जाएगा.
खर्च होगा 35 हजार करोड़
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में किसानों को उपज का बेहतर मूल्य और उपभोक्ताओं को राहत देने के उद्देश्य से पीएम-आशा योजना को जारी रखने का निर्णय लिया गया है. इस योजना पर केंद्र सरकार 35 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी. सरकार के इस कदम से किसानों को उपज का मूल्य नियंत्रित करने में सहायता मिलेगी. वहीं सरकार इन पैसों से फसल का अधिक उत्पादन होने की वजह से कीमतों में उतार-चढ़ाव को थामने के लिए फसल के भंडारण पर खर्च करेगी.
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फसलों की अधिक खरीद
योजना के तहत, 2024-25 सत्र से एमएसपी पर अधिसूचित दलहन, तिलहन और खोपरा की खरीद राष्ट्रीय उत्पादन का 25% होगी. इससे राज्यों को किसानों से अधिक मात्रा में फसल खरीदने में मदद मिलेगी. हालांकि, अरहर, उड़द और मसूर की 100 प्रतिशत खरीद पहले से तय की गई है, जिससे किसानों को राहत मिलेगी.
डिस्काउंट रेट पर मिलेंगे उर्वरक
रबी फसल सत्र (2024) के लिए फास्फेटिक और पोटाश उर्वरकों पर पोषक तत्व आधारित सब्सिडी की दरें तय करने के उद्देश्य से रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के प्रस्ताव को स्वीकृति किया है. इस पर केंद्र सरकार के द्वारा 24,475 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. सरकार उर्वरकों के मूल्य में रुझान को देखते हुए फास्फेटिक और पोटैसिक उर्वरकों पर उचित सब्सिडी प्रदान करेगी. इसमें, MOP, DAP, यूरिया और सल्फर शामिल है.