मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस (17 सितंबर) से शुरू हुए गरीब कल्याण सप्ताह के अंतर्गत मंगलवार को 63 हजार किसानों को क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) का वितरण किए गए. इस दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान ने एलान किया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत प्रदेश में किसानों को सालाना 10 हजार रुपये मिलेगी. बता दें कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM Kisan Samman Nidhi) के तहत मोदी सरकार अभी तीन किस्तों में सालाना 6 हजार रुपये देती है. अब इसमें 4 हजार रुपये राज्य सरकार मिलाएगी.
किसानों को मिलेगा बिना ब्याज के लोन (Farmers will get loans without interest)
इसके साथ ही सहकारी बैंकों को कर्ज माफी की बकाया राशि भी दी जाएगी. कार्यक्रम में जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों को 800 करोड़ों रुपए का सब्सिडी भी दिया गया. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि किसानों को बिना ब्याज के कर्ज (Loans without interest to farmers) देने का काम जारी रहेगा. इसमें पशुपालक और मत्स्य पालकों को भी जोड़ा जाएगा.इसके अलावा सहकारी समितियों से मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत सात हजार करोड़ रुपए का प्रविधान कृषि अधोसंरचना विकास के लिए किया है. इसका लाभ उठाने के लिए कार्ययोजना बनाएं.
कषि उपज मंडी बंद नहीं होंगी
इसके साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह भी कहा कि कृषि विधायकों को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है. कोई भी मंडी बंद नहीं होगी और ना ही न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था बंद होगी. मंडियों में अनाज की खरीद बिक्री का काम पहले की तरह चलता रहेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रविधान किए हैं, जो स्वागतयोग्य हैं.
सहकारी बैंकों को नहीं दिए गए 15 सौ करोड़ रुपये
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश की तस्वीर और तकदीर बदलनी है. सहकारिता आंदोलन का दुरुपयोग भी बहुत हुआ है. पिछली सरकार ने कर्ज माफी की घोषणा की पर यह छलावा साबित हुई. 15 सौ करोड़ रुपये सहकारी बैंकों को नहीं दिए गए. किसानों से बोला गया कि दो लाख रुपये तक का कर्ज माफ किया जाएगा लेकिन इसमें इतने पेच फसा दिए कि किसी को लाभ ही नहीं मिल पाया. कर्ज माफी के चक्कर में चालू खाते वाले किसान फंस गए.