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Updated on: 17 September, 2020 6:59 PM IST

हरियाणा और पंजाब में फसल अवशेषों को जलाने के कारण होने वाला वायु प्रदूषण इस साल कम होने की उम्मीद है क्योंकि अधिकारी किसानों को रियायती मूल्य पर खेतों के लिए ज्यादा मशीनें (Agriculture Machinery) प्रदान करने की योजना बना रहे हैं. इस महीने (सितंबर) के अंत तक शुरू होने वाली धान की फसल (Paddy Crop) उत्तर भारत में प्रदूषण का मुख्य स्रोत है. इस वर्ष, चिंताएं अधिक हैं क्योंकि कई अध्ययनों ने सुझाव दिया है कि वायु प्रदूषण (Air Pollution) कोरोनवायरस (Corona virus)  के प्रसार से जुड़ा हो सकता है और जिस वजह से कई समस्याएं भी खड़ी कर सकता है.

इसलिए यह उल्लेख करना महत्वपूर्ण है कि हरियाणा के उत्तरी राज्य में खेत की आग पिछले साल 60 फीसद तक कम हो गई थी, और इस वर्ष कृषि विभाग, हरियाणा के महानिदेशक (डीजी) विजय सिंह दहिया ने कहा कि इस प्रथा को पूरी तरह से खत्म करना है.

उन्होंने बताया कि इस वर्ष, सूक्ष्म स्तर की योजना है और हम उन क्षेत्रों का पता लगाने के लिए उपग्रह डेटा का उपयोग कर रहे हैं जहां पिछले साल फसल जलने की घटनाओं में वृद्धि हुई थी. दहिया ने कहा कि अधिक से अधिक कस्टम हायरिंग सेंटर (Custom Hiring Center or CHC) में जोड़ने के लिए, किसानों को मशीनों (Machinery) के लिए सब्सिडी (Subsidy) देने और कई जागरूकता कार्यक्रम बनाने पर जोर दिया गया है. हरियाणा में, 841 कस्टम हायरिंग केंद्र जोड़े जाएंगे और राज्य में 2,741 व्यक्तिगत किसानों को सब्सिडी प्रदान की जाएगी.

English Summary: Good News for Farmers:Farmers of Haryana and Punjab to get agricultural machinery for pollution control at a discounted price
Published on: 17 September 2020, 07:01 PM IST

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