परंपरागत खेती के साथ-साथ अब सरकार चाहती है कि किसान बागवानी फसलों (Horticulture Crops) की ओर भी बढे और इस तरह की खेती पर भी अपना ध्यान केंद्रित करें. लेकिन इसके लिए जरुरी है की किसानों को इन दिशाओं में प्रोत्साहित किया जाए.
इसको मद्देनज़र हरियाणा सरकार नए बाग लगाने पर किसानों को प्रति हेक्टेयर 50 प्रतिशत तक अनुदान देने की शुरुआत की है. ताकि किसान बागवानी को अपनाकर अधिक मुनाफा कमा सकें. एक किसान अधिकतम 10 एकड़ तक के बाग के लिए अनुदान ले सकता है.
राज्य सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि किसानों को इस दिशा में बढ़ावा देते हुए सरकार ने अमरूद के बाग लगाने पर 11 हजार 500 रुपये, नींबू के बाग लगाने पर 12 हजार रुपये, एवं आंवला के बाग पर 15 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से रकम किसानों को प्रोत्साहन के रूप में देगी. यानी अमरूद के बाग लगाने पर किसानों को अधिकतम 1,15,000 रुपये, नींबू पर 1,20,000 एवं आंवला की बागवानी के लिए 1,50,000 रुपये तक की आर्थिक मदद (Financial Assistance) मिल सकेगी.
आंवले में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट और विटमिन सी मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देने तथा सर्दी-खांसी सहित वायरल और बैक्टीरियल बीमारियों को रोकने में मदद करता है. विटामिन c वाले फलों का नियमित सेवन हृदय रोगों के जोखिम को कम करने का एक प्रभावी तरीका है. इतना ही नहीं गंभीर ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के कारण एथेरोस्क्लेरोसिस हो सकता है. यह एक ऐसी बीमारी है जो धमनियों को प्रभावित करती है और प्लेक जमने लगता है. विटामिन सी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं और इस प्रकार यह हमारे सिस्टम में इस क्षति से निपटने में बहुत प्रभावी है.
इन फलों के लिए भी मिलेगी मदद
वहीं दूसरी तरफ सरकार विटामिन ए, बी, एंटीऑक्सीडेंट्स और फाइबर से भरपूर चीकू (Sapota) की खेती के लिए भी मदद देगी. इसके लिए प्रति एकड़ 9080 रुपये का अनुदान दिया जाएगा. यानी 90,800 रुपये तक की मदद मिल सकती है. सरकार के मुताबिक चीकू की एक एकड़ की खेती पर 18,160 रुपये की लागत आएगी. इस योजना का लाभ उठाने के लिए हरियाणा बागवानी पोर्टल पर जाकर किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
इसी तरह आम के बाग के लिए भी सरकार प्रति एकड़ 10200 रुपये की बात कही गयी है. जिसका 50 फीसदी यानी 5100 रुपये प्रति एकड़ अनुदान होगा. अधिकतम अनुदान क्षेत्र 10 एकड़ होगा. यानी किसी एक किसान को अधिकतम 51,000 रुपये तक की आर्थिक मदद मिलेगी.
कैसे उठा सकते हैं योजना का लाभ, कहां मिलेगी जानकारी
योजना का लाभ लेने के इच्छुक किसान जमीन के कागजात, बैंक कॉपी व आधार कार्ड (Aadhaar Card) के साथ जिला बागवानी कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि जिन किसानों ने एकीकृत बागवानी विकास मिशन के नियमों के अनुसार वित्त वर्ष 2021 में अमरूद, आंवला व नींबू के बाग लगाए हैं, वे भी अनुदान राशि के लिए अपना आवेदन कर सकते हैं.
इच्छुक किसान हरियाणा सरकार के बागवनी पोर्टल (http://hortharyanaschemes.in) पर जाकर ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं. आवेदकों को मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर अपनी जमीन और फसल का भी रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा, जिसके बाद ही वह इस योजना का लाभ उठाने में सक्षम होंगे. आवेदक को अपनी जमीन का विवरण भी देना होगा. कुल रकबा सहित बैंक का विवरण भी देना होगा. आपको बता दें अधिकतर ऐसे ऑनलाइन प्रक्रिया में किसानों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इस बात का विशेष धयान रखते हुए सरकार ने इस पर काम किया है और इस प्रक्रिया को किसानों के लिए आसान बनाने का प्रयास भी सरकार की और से किया गया है. आगे भी जरुरत पड़ने पर इसमें बदलाव किया जा सकता है.
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया कुछ इस प्रकार है.
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नए रजिस्ट्रेशन के लिए ‘किसान पंजीकरण’ पर क्लिक करें.
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पंजीकरण फार्म पर क्लिक करके व्यक्तिगत विवरण पृष्ठ करें.
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उसे सेव करके अपने मद चुनिए एवं अपडेट पर क्लिक करें.
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फिर योजना पटल पर जाकर योजना स्कीम चुनें.
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आवेदन पर क्लिक करने के बाद फार्म में विवरण भरें.
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डॉक्युमेंट्स को अपडेट करें और सेव कर दें.
नुकसान की भरपाई के लिए बीमा
बागवानी फसलों में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए सरकार द्वारा बागवानी बीमा योजना चलाई जा रही है. यह योजना किसानों को सब्जियों, फलों व मसालों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले जोखिम से मुक्त कर फसल लागत की भरपाई करने में कारगर साबित हो सकती है.