हर साल किसानों को मानसून का इतंजार रहता है, ताकि मानसून की बारिश हो और खेतों में खड़ी उनकी फसलों का उत्पादन अच्छा और अधिक हो. कुछ ऐसा ही इस साल भी हो रहा है.
जी हां, इस साल भी देश के किसानों को मानसून की बारिश का इतंजार है. उन्हें उम्मीद है कि इस साल भी मानसून की अच्छी बारिश होगी और उन्हें फसलों से अच्छा उत्पादन प्राप्त होगा. ऐसे में कृषि जागरण देश के किसानों के लिए एक अच्छी खबर लेकर आया है.
बता दें कि इस साल सामान्य मानसून (Monsoon 2022) रहने की संभावना है, जिससे महंगाई झेल रहे लोगों को थोड़ी राहत मिलेगी, साथ ही मानसून की अच्छी बारिश का असर खरीफ फसलों के उत्पादन पर भी पड़ेगा. इससे कुछ खास खाद्य पदार्थो के दाम घट सकते हैं.
जानकारी के लिए बता दें कि खरीफ फसलों में चावल, बाजरा, रागी, अरहर, मूंगफली, कपास, मक्का, सोयाबीन आदि शामिल हैं. खरीफ फसलों का उत्पादन मानसून पर निर्भर करता है, जिनकी बुवाई का समय जून-जुलाई से शुरू हो जाता है.
मानसून से बढ़ेगा खरीफ फसलों का उत्पादन
गौरतलब है कि रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) की वजह से महंगाई काफी बढ़ गई है. इसकी वजह से वैश्विक स्तर पर खाद्य वस्तुओं, ईंधन, उर्वरक और अन्य कमोडिटी के दाम आसमान छू रहे हैं. ऐसे में मानसून का आगमन खरीफ फसलों का उत्पादन काफी हद तक बढ़ा सकता है, जिससे महंगाई पर नियंत्रण पाया जा सकता है.
सामान्य बरसात की जताई उम्मीद
भारतीय मौसम विभाग की मानें, तो इस साल मानसून सामान्य रहने का अनुमान है. अगर मानसून के आने की बात की जाए, तो पहला पूर्वानुमान अप्रैल और दूसरा पूर्वानुमान मई का अंतिम सप्ताह हो सकता है. माना जा रहा है कि देश में 96 से 104 प्रतिशत बारिश होगी.
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कुल मिलाकर देखा जाए, तो इस साल मानसून का आगमन किसानों के लिए एक बड़ा रहात देगा, क्योंकि हर किसान अपनी फसलों का अधिक उत्पादन पाना चाहता है, ताकि वह उस फसल को मंडी में बेच तक अधिक मुनाफा कमा सकें.