देशभर में मौसम ने ली करवट! यूपी-बिहार में अब भी बारिश का अलर्ट, 18 सितंबर तक झमाझम का अनुमान, पढ़ें पूरा अपडेट सम्राट और सोनपरी नस्लें: बकरी पालक किसानों के लिए समृद्धि की नई राह गेंदा फूल की खेती से किसानों की बढ़ेगी आमदनी, मिलेगा प्रति हेक्टेयर 40,000 रुपये तक का अनुदान! किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 29 May, 2021 12:28 PM IST
Crops Sowing

यूं तो कृषि मंत्रालय बेशुमार आंकड़े जारी करती रहती है. इन आंकड़ों को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं होती है. एक किसान के लिए इन आंकड़ों का अपना एक खास महत्व होता है, चूंकि वे इनके सहारे अपने भावी भविष्य की योजना तैयार करते हैं. अभी हाल ही में कृषि मंत्रालय ने एक ऐसा ही आंकड़ा जारी किया है, जो इस समय खासा सुर्खियों में बना हुआ है, जिस किसी भी किसान भाई की इन आंकड़ों पर नजर जा रही है, वो खुशी से ल फऊलफूले नहीं समा रहे हैं. यह महज एक आंकड़ा नहीं है, बल्कि यह उन सभी किसान भाइयों के लिए एक उम्मीद की किरण है, जो कल तक अवसादग्रस्त थे, तो चलिए जरां इन आंकड़ों पर डालते हैं, एक नजर...!

कृषि मंत्रालय द्वारा जारी किए गए इन आंकड़ों से यह साफ जाहिर हो रहा है कि गर्मी के मौसम में उगाने वाले फसलों के बुवाई में काफी इजाफा हुआ है. आंकड़ों पर नजर डाले, तो 28 मई तक 80.48 लाख हेक्टेयर बुवाई हुई है. विगत वर्ष इस माह तक 66.44 लाख हेक्टेयर तक फसलों की बुवाई हुई थी. विगत वर्ष की तुलना में इस वर्ष 21 फीसद फसलों की बुवाई अधिक हुई है. वहीं, इस बार दलहन की 10.64 लाख हेक्टेयर से लगभग 67.48 प्रतिशत बढ़कर 17.82 लाख हेक्टेयर हो गई है. उधर, पंजाब और हरियाण के किसानों ने भी गर्मी के दौरान फसलों की बुवाई में अच्छा खासा इजाफा किया है. वो भी ऐसे वक्त में जब इन सूबों के अधिकांश किसान सड़कों पर कृषि  कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत हैं.

बता दें कि अभी हाल ही में एक ऐसा भी आंकड़ा भी जारी किया गया था, जिससे यह साफ जाहिर हो रहा था कि इस बार अधिकांश किसानों द्वारा आंदोलन में शामिल होने के बावजूद भी फसलों की बुवाई पर किसी भी प्रकार का कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा है.

दरअसल, इस बात की संभावना जताई जा रही थी कि इस बार किसान भाई आंदोलन में बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं, ऐसी स्थिति में फसलों के उत्पादन पर नकारात्मक असर पड़ सकता है, लेकिन राहत की बात यह रही कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. 

English Summary: Good News for Farmer
Published on: 29 May 2021, 12:36 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now