IFFCO नैनो जिंक और नैनो कॉपर को भी केंद्र की मंजूरी, तीन साल के लिए किया अधिसूचित LPG Price Cut: महंगाई से बड़ी राहत! घट गए एलपीजी सिलेंडर के दाम, जानें नए रेट Small Business Ideas: कम लागत में शुरू करें ये 2 छोटे बिजनेस, सरकार से मिलेगा लोन और सब्सिडी की सुविधा Small Business Ideas: कम लागत में शुरू करें ये बिजनेस, हर महीने होगी मोटी कमाई! एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! सबसे अधिक दूध देने वाली गाय की नस्ल, जानें पहचान और खासियत
Updated on: 21 May, 2021 6:27 PM IST
Bee Keeping

सरकार की हमेशा से ही यही कोशिश रही है कि हर उस कोशिश को अंजाम तक पहुंचाए जाए, जिससेहमारे भाई समृद्ध हो सके. इस दिशा में सरकार की तरफ से किसानों के हित में बेशुमार प्रयास किए गए हैं, जिसके सकारात्मक असर भी धरातल पर देखने को मिलते हैं. वहीं, विगत गुरुवार को मधुमक्खी पालकों के हित में केंद्र सरकार की तरफ से बड़ा कदम उठाया गया.

बता दें कि कल मधुमक्खी दिवस के मौके पर मधुमक्खी पालकों के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद पूषा नई दिल्ली में शहद परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित किया गया है. बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार का यह कदम मधुमक्खी पालकों के लिए काफी हितकारी रहेगा. बता दें कि विगत गुरुवार को राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन के अंतर्गत, मधु एवं मधुमक्खीपालन के अन्य उत्पादों की गुणवत्ता में इजाफा करने के लिए यह कारगर रहेगा.

पीएम मोदी के नाम बांधे तारीफों के पुल

इस मौके पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पीएम मोदी के नाम तारीफों के पुल बांधते हुए कहा कि बेशक कितने भी आलोचनाएं विपक्षी दलों की तरफ से पीएम के लिए क्यों न की जाए, मगर हमारे आदरनीय प्रधानमंत्री हमेशा से ही किसानों के हित के लिए प्रतिबद्ध रहे हैं. इसका अंदाजा आप महज इसी से लगा सकते हैं कि विगत दिनों अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खाद की कीमतों में इजाफा हुआ है,जिससे भारत में भी खाद की कीमत में उछाल दर्ज की गई, मगर किसानों के हितों को सर्वोत्त्म स्तर पर रखते हुए हमने खाद की कीमतों को बढ़ने नहीं दिया है.

यहां जानें खाद का पूरा गणित

तोमर ने कहा कि जब डीएपी का एक बैग 1200 रूपए में मिलता था, तब इसकी वास्तविक कीमत 1700 रूपए हुआ करती थी, लेकिन सरकार इसके एवज में 500 रूपए अदा भी करती थी, लेकिन फिर एकाएक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खाद की कीमत में इजाफा हुआ, जिससे भारतीय बाजार में खाद की कीमत 2400 रूपए हो गई. ऐसे में अगर सरकार 500 रूपए अपनी तरफ से सब्सिडी भी देती है, तो किसानों को यह 1900 रूपए में पड़ता, लिहाजा किसानों के ऊपर खाद की कीमत की वजह से आर्थिक बोझ न पड़े. इसके लिए सरकार ने अपनी सब्सिड़ी की रकम को 500 से बढ़ाकर 700 रुपए कर दिया है, जिससे डीएपी की कीमत 1200 रूपए ही बनी रहेगी. फिलहाल, केंद्र सरकार के इस फैसले से किसान भाई राहत की सांस ले रहे हैं, ताकि उन पर आर्थिक बोझ न पड़े.

सरकार की तरफ से मंजूर हुए इतने रकम

यहां हम आपको बताते चले कि केंद्र सरकार की तरफ से शहद उत्पादकों के लिए 300 करोड़ रूपए की मंजूरी दी गई है. इसके साथ ही एनबीएचएम को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में केंद्र सरकार की तरफ से 500 करोड़ रूपए आवंटित किए गए हैं.

सरकार का यह रकम ‘मीठी क्रांति को प्राप्त करने के उद्देश्य से जारी किए हैं. हालांकि, अभी तक सरकार इस दिशा में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB), आणंद में 5 करोड़ रुपए की सहायता से विश्वस्तरीय स्टेट आफ द आर्ट हनी टेस्टिंग लैब स्थापित कर चुकी है.

English Summary: Good news for Beekeepers
Published on: 21 May 2021, 06:39 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now