खेती में आए दिन बढ़ते पेस्टीसाइड और फ़र्टिलाइज़र से किसानों को खेती करने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. कृषि और किसान कल्याण विभाग ने पहले फसलों में होने वाली बीमारियों से सम्बंधित कीटनाशक दवाओं के साथ खाद और बीज विक्रेताओं के लिए डीएईएसआई (डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन सर्विस फार इनपुट डीलर्स प्रोग्राम) का एक वर्ष का डिप्लोमा या फिर बीएससी एग्रीकल्चर की डिग्री का होना अनिवार्य कर दिया था. हालांकि अब ऐसा नहीं है. खाद और बीज की दुकान खोलने की राह में अब डिग्री आड़े नहीं आएगी.
दरअसल विभाग द्वारा बीज बैंक योजना को बड़े पैमाने पर शुरू किया जाएगा. इस योजना के तहत देशभर में जिलेवार बीज बैंक स्थापित किए जाएंगे और साथ ही किसानों को बीज बैंक का लाइसेंस भी दिया जाएगा. इस तरह किसान बीज उत्पादन (Seed Production) के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकेंगे. अगर 10वीं पास युवा भी खाद-बीज की दुकान का लाइसेंस लेना चाहते है तो वो इसे आसानी से प्राप्त कर सकेंगे. हालांकि इसके लिए उन्हें कृषि विभाग में 15 दिन की ट्रेनिंग लेनी होगी. इसके बाद उन्हें खाद बीज बिक्री का प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा. आपको बता दे कि, भारत सरकार ने नियमों में संशोधन के साथ ही प्रशिक्षण के लिए अलग से पाठ्यक्रम भी तय किया है. जिसमें खाद की बिक्री के बारे में पूर्ण रूप से जानकारी दी जाएगी.
लाइसेंस के लिए जरूरी योग्यताएं
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उम्मीदवार 10वीं पास होना ही काफी होगा.
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आवेदक की उम्र 18 से 45 वर्ष के बीच होना चाहिए
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किसान के पास अपनी, बटाई या पट्टेदारी में न्यूनतम 1 एकड़ जमीन होनी चाहिए.
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राज्य स्तर से बीज के स्तर और मानकों के लिए निबंधन और प्रमाणन करना पड़ेगा.