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Updated on: 20 February, 2023 12:55 PM IST
गोधन न्याय योजना पशुपालक किसानों के लिए लाभकारी

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य के किसानों को और मजबूत बनाने के लिए 'गोधन न्याय योजनाचलाई जाती है. इसके तहत गोबर के साथ ही गोमूत्र भी खरीदा जाता है. इस योजना से प्रदेश सरकार पशुपालक किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने की कोशिश में जुटी है. इसके साथ ही इस योजना से किसानों को पशुपालन करने के लिए प्रेरित भी किया जा रहा है. फिलहाल इस योजना का राज्य में क्या विस्तार हुआ है इसपर एक नजर डालेंगे.

ब्रम्हास्त्र और जीवामृत की बिक्री से 28.96 लाख की आय

गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में गोबर खरीदी के साथ-साथ रुपए लीटर की दर से गोमूत्र की खरीदी की जा रही है. गौठानों में अब तक लाख 37 हजार 936 रुपए में एक लाख 34 हजार 484 लीटर गौमूत्र खरीदा जा चुका हैजिससे महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा 51,343 लीटर कीट नियंत्रक ब्रम्हास्त्र और 21,554 लीटर वृद्धिवर्धक जीवामृत का उत्पादन सह बेचा जा रहा है. इससे राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा मिल रहा है. राज्य के किसानों द्वारा अब तक 44,457 लीटर जैविक कीटनाशक ब्रम्हास्त्र और 18,513 लीटर वृद्धिवर्धन जीवामृत खरीदा जा चुका हैजिससे उत्पादक समूहों को अब तक कुल 28 लाख 96 हजार 845 रुपए की आय हुई है. 

गौठानों में 18.41 लाख क्विंटल धान पैरा एकत्र

राज्य के कृषि मंत्रालय के मुताबिक, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अपील पर राज्य के किसानों द्वारा अपने गांवों के गौठानों को पैरादान किए जाने का सिलसिला अनवरत रूप से जारी है. राज्य के किसान भाई पैरा को खेतों में जलाने के बजाय उसे गौमाता के चारे के प्रबंध के लिए गौठान समितियों को दे रहे हैं. ऐसे किसान भाई जिनके पास पैरा परिवहन के लिए ट्रैक्टर या अन्य साधन उपलब्ध हैंवह स्वयं धान कटाई के बाद पैरा गौठानों में पहुंचाकर इस कार्य में अपनी सहभागिता निभा रहे हैं. गौठान समितियों द्वारा भी किसानों से दान में मिले पैरा का एकत्रीकरण कराकर गौठानों में लाया जा रहा है. गौठानों में अब तक 18 लाख 58 हजार क्विंटल पैरा गौमाता के चारे के लिए उपलब्ध है.

गौठानों में 28.40 लाख क्विंटल कम्पोस्ट खाद का उत्पादन

गोधन न्याय योजना के तहत राज्य के गौठानों में 2 रुपए किलो में खरीदे जा रहे गोबर से महिला समूहों द्वारा अब तक कुल 28 लाख 40 हजार क्विंटल से अधिक कम्पोस्ट का उत्पादन किया गया हैजिसमें 22 लाख 67 हजार 356 किवंटल वर्मी कम्पोस्ट5 लाख 53 हजार 901 क्विंटल सुपर कम्पोस्ट एवं 18,924 क्विंटल सुपर कम्पोस्ट प्लस खाद शामिल हैजिसे सोसायटियों के माध्यम से क्रमशः 10 रूपए6 रुपए और 6.50 रुपए प्रतिकिलो की दर पर बेचा जा रहा है.

गौठानों में उत्पादित कम्पोस्ट में से 17.91 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट3.90 लाख क्विंटल सुपर कम्पोस्टर और 3165 क्विंटल सुपर प्लस कम्पोस्ट को बेचा जा चुका है. राज्य के 6048 गौठानों में फिलहाल 4.76 लाख वर्मी कम्पोस्ट तैयार हैजिसे बेचने के लिए पैकेजिंग की जा रही है.   

ये भी पढ़ेंः जैविक खेती के विकास हेतु कार्य योजना

गौठानों में गोबर से खाद के अलावा महिला समूह गो-काष्ठदीयाअगरबत्तीमूर्तियां एवं अन्य सामग्री का निर्माण एवं विक्रय कर लाभ अर्जित कर रही हैं. गौठानों में महिला समूहों द्वारा इसके अलावा सब्जी एवं मशरूम का उत्पादनमुर्गीबकरीमछली पालन एवं पशुपालन के साथ-साथ अन्य आय मूलक विभिन्न गतिविधियों का संचालन किया जा रहा हैजिससे महिला समूहों को अब तक 110 करोड़ 8 लाख रुपए की आय हो चुकी है. राज्य में गौठानों से 12,466 महिला स्व-सहायता समूह सीधे जुड़े हैंजिनकी सदस्य संख्या 1,46,950 है. गौठानों में खरीदे गए गोबर से विद्युत एवं प्राकृतिक पेंट सहित अन्य सामग्री का भी उत्पादन किया जा रहा है.

English Summary: Godhan Nyay Yojana: Purchase of cow urine at the rate of Rs 4 per litre, organic farming and promotion to women
Published on: 20 February 2023, 12:59 PM IST

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