हरियाणा सरकार ने किसानों की मदद और आर्थिक रूप से सहायता करने के लिए एक बार फिर मेरी फसल मेरा-ब्यौरा (Meri Fasal Mera Byora) पोर्टल को खोल दिया है. किसान भाई-बहन इस पोर्टल पर अपनी फसल जैसे गेहूं, सरसों, चना, जौ, सूरजमूखी एवं फल-फूल व सब्जियों का रजिस्ट्रेशन 31 दिसंबर तक कर लें.
इसके आधार पर ही किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और भावांतर भरपाई योजना का फायदा मिल पाएगा. किसानों को बताना होगा कि उन्होंने कितने क्षेत्र में कौन सी फसल लगाई है. इसके आधार पर ही उनकी फसलों के बिक्री का कोटा, प्राकृतिक आपदा आने पर मुआवजा और कम दाम मिलने पर भावांतर का लाभ हासिल हो पाएगा.
कृषि से संबंधित सभी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए तथा अपने कृषि उत्पादों (Agri Products) को अपने आस-पास की मंडियों में बेचने के लिए रबी फसलों के रजिस्ट्रेशन की अंतिम तारीख घोषित कर दी गई है. राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि सभी किसान अपने गांव में स्थित अटल सेवा केन्द्रों पर जाकर 31 दिसंबर तक रजिस्ट्रेशन जरूर करवा लें.
खुद भी रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं किसान
किसान खुद भी अपनी फसलों का रजिस्ट्रेशन http://fasal.haryana.gov.in पर जाकर कर सकते हैं. फसलों के रजिस्ट्रेशन के लिए परिवार पहचान पत्र अनिवार्य है. इससे संबंधित कोई समस्या आने पर सोमवार से शुक्रवार सुबह 9 से शाम को 6 बजे तक टोल फ्री नंबर (18001802060) पर संपर्क कर सकते हैं. ऐसे किसान जो पड़ोसी राज्यों के हैं, लेकिन उनकी जमीन हरियाणा में है वो भी इसी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं.
रजिस्ट्रेशन के लिए क्या-क्या है जरुरी?
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बैंक पासबुक की कॉपी लगानी होगी, ताकि किसी भी स्कीम का लाभ सीधे किसान के अकाउंट में पहुँच जाएगा.
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मोबाइल नंबर और आधार कार्ड जरूरी है. रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ही सरकार संबंधित जानकारी भेजेगी.
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जमीन की जानकारी के लिए रेवेन्यू रिकॉर्ड के नकल की कॉपी देनी होगी. खसरा नंबर भरना होगा.
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कौन सी फसल की बुवाई की है. उसकी किस्म और समय पोर्टल पर भरना होगा.
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कब और क्यों हुई शुरुआत?
मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल की शुरुआत 5 जुलाई 2019 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने की थी. इस पर किसान अपनी फसलों से संबंधित डिटेल अपलोड कर किसान कृषि से जुड़ी सरकारी योजनाओं (Government Schemes) का लाभ ले सकते हैं. पोर्टल पर किसान अपनी जमीन पर बोई गई फसल की डिटेल देगा. इसी आधार पर उसकी फसल के उपज की खरीद का कोटा तय होता है.
यह पोर्टल जमीन के रिकॉर्ड के साथ इंटीग्रेटेड है. इस पर रजिस्टर्ड होने के बाद बीज, खाद, लोन एवं कृषि उपकरणों की सब्सिडी समय पर मिल सकेगी. यही नहीं मंडी संबंधित सारी जानकारी मोबाइल पर उपलब्ध होगी.