राज्य के लघु व सीमान्त किसानों को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने हाल ही में बीज मिनिकिट योजना की शुरुआत की है. जिससे राज्य के लाखों किसान लाभान्वित होंगे. वहीं बीज मिनिकिट योजना के तहत 90% सब्सिडी पर बीज वितरित किया जाएगा.
राज्य सरकार ने मिनिकिट वितरित करने की सभी तैयारी भी कर लिया है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोविड-19 की वजह से उत्पन्न हुई समस्याओं से प्रभावित किसानों को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से बीज मिनिकिट का ऐलान किया है. ऐसे में आइए सिलसिलेवार तरीके से जानते हैं बीज मिनिकिट योजना क्या है-
बीज मिनिकिट का उद्देश्य
फसल विशेष की नवीनतम उन्नत किस्मों को किसानों के बीच प्रचलित करने तथा उसके उपयोग को बढावा देने के उद्देश्य से बीज मिनिकिटों का वितरण किया जाता है.
बीज मिनिकिटों हेतु पात्रता एवं किसानों का चयन
मिनिकिट वितरण प्राथमिकता के आधार पर राज्य के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, लघु एवं सीमान्त तथा गरीबी की रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले तथा अन्त्योदय परिवारां एवं गैर-खातेदार/खातेदार किसानों को प्राथमिकता से मिनिकिट की कीमत का 10% टोकन राशि वसूल करते हुए वितरण किये जाते हैं.
बीज मिनिकिट प्राप्त करने हेतु अनिवार्य शर्त
बीज मिनिकिट महिला के नाम से दिया जाता है, भले ही जमीन महिला के पति/पिता/ससुर के नाम से हो. वही एक महिला किसान को बीज मिनिकिट का एक ही पैकेट दिया जाता है.
बीज मिनिकिट का लाभ
बीज मिनिकिट का लाभ लेने हेतु महिला किसानों के पास सिंचाई साधन उपलब्ध होना जरूरी है. पात्र महिला किसानों की सूची कृषि पर्यवेक्षक द्वारा संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच एवं अन्य निर्वाचित जन प्रतिनिधियों के साथ विचार विमर्ष कर बनायी जाती है.
विभिन्न योजनान्तर्गत बीज मिनिकिटों का आयोजन
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन-तिलहन अन्तर्गत सोयाबीन व सरसों, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन-तिलहन के अन्तर्गत उडद व मूंग तथा राज्य योजनान्तर्गत तिल, मोठ व अरहर के बीज मिनिकिट किटों का वितरण किसानों के बीच किया जाता है.
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