Kisan Credit Card: किसानों को अब KCC से मिलेगा 5 लाख रूपये तक का लोन, जानें कैसे उठाएं लाभ? Farmers News: किसानों की फसल आगलगी से नष्ट होने पर मिलेगी प्रति हेक्टेयर 17,000 रुपये की आर्थिक सहायता! Loan Scheme: युवाओं को बिना ब्याज मिल रहा 5 लाख रूपये तक का लोन, जानें पात्रता और आवेदन प्रक्रिया Rooftop Farming Scheme: छत पर करें बागवानी, मिलेगा 75% तक अनुदान, जानें आवेदन प्रक्रिया भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ महिलाओं के लिए तंदुरुस्ती और ऊर्जा का खजाना, सर्दियों में करें इन 5 सब्जियों का सेवन ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक Wheat Farming: किसानों के लिए वरदान हैं गेहूं की ये दो किस्में, कम लागत में मिलेगी अधिक पैदावार
Updated on: 26 March, 2024 5:04 PM IST
FSSAI Set Up Food Testing Labs - FSSAI पूरे देश में लगाएगी फूड टेस्टिंग लैब

FSSAI Set Up Food Testing Labs: भारत में दूषित फलों, सब्जियां या फूड का सेवन करने के बाद लोगों के बीमार होने के कई मामलें लागातार सामने आ चुके हैं. अधिकतर मामलों में पाया गया है कि फल-सब्जियों या फूड में पहले से हानिकारक बैक्टीरिया घुस जाते हैं. जिसे खाने के बाद व्यक्ति के शरीर में बैक्टीरिया घुस जाता है और उसे फूड प्वाइजनिंग जैसी बिमारी हो जाती है. हाल ही में भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने तेजी से बढ़ते मामलों पर संज्ञान में लेते हुए फूड जांच के लिए पूरे देश में 34 माइक्रोबायोलॉजी लैब खोलने का फैसला किया है. इन केंद्रों में 10 रोगानुजनक (बीमारियां फैलाने वाले सूक्ष्मजीवों) की जांच की जाएगी.

इन माइक्रोबायोलॉजी लैब में फुड की जांच करने से पता चलता है कि इसमें रोगानुजनक है या नहीं. वहीं कुछ खाद्य पदार्थ ई.कोलाई, सेलमोनेला और लिस्चेरिया बैक्टीरिया से दूषित हो जाते हैं, जिनका सेवन करने बाद व्यक्ति को फूड प्वाइजनिंग भी हो सकता है.

देश में डायरिया और फूड प्वाइजनिंग के मामले आम

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार FSSAI के एक अधिकारी ने बताया है कि, माइक्रोबायोलॉजी लैब में यह पता लगाया जाएगा कि किसी खाद्य पदार्थ में बीमारी फैलाने वाला सूक्ष्म जीव है या नहीं. उन्होंने कहा कि, देश में डायरिया और फूड प्वाइजनिंग के मामले आम हो गए है, कि अब लोगों ने शिकायतें करना भी कम दिया है. उन्हें बीमारी संक्रमित फूड का सेवन करने से हुई है और इस बात का उन्हें पता भी नहीं होता है.

ये भी पढ़ें: विदेशों में क्यों बैन है सरसों का तेल, जानें इसके पीछे की वजह

संक्रमित फूड बेचने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई

अधिकारी ने कहा कि, लेकिन हमारा धर्म है कि हम लोगों तक सुरक्षित और संरक्षित फूड पहुचाएं. इन लैब में कुछ इसी तरह के फूड की जांच की जाएगी और लोगों को बीमार होने से बचाया जाएगा. उन्होंने कहा कि, FSSAI नियमित तौर पर डिपार्टमेंट फूड का सर्विलांस करता रहेगा और संक्रमित फूड बेचने वालों पर सख्त कार्रवाई भी करेगा.

देश में फूड की जांच एक भी लैब नहीं

नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल की एक रिपोट के अनुसार, भारत में गंभीर डायरिया और फूड प्वाइजनिंग के मामले काफी आम होते जा रहे हैं. पिछले कई दिनों में गंभीर डायरिया और फूड प्वाइजनिंग फैलने के कई मामले सामने आए है. बता दें, देश में अभी तक इस तरह की कहीं भी कोई लैब नहीं है, जहां फूड की जांच करके पता लगाया जा सके कि ये फूड संक्रमित है या नहीं. भारत में कुल 79 स्टेट फूड टेस्टिंग लैब है, जिनमें सूक्ष्मजीव को डिटेक्ट करने वाली मशीनें नहीं है. इन लैबों में केवल फूड में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रैट की मात्रा की जांच की जाती है.

English Summary: FSSAI set up food testing labs across the country fruits and vegetables will be tested
Published on: 26 March 2024, 05:09 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now