केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग और एमएसपी पर नया कानून बनाने को लेकर किसान पिछले 40 दिनों से आंदोलन पर है. वहीं पंजाब में किसानों ने रिलायंस जियो के मोबाइल टावर को निशाना बनाया है. यहां 1500 से अधिक मोबाइल टावर तोड़े जा चुके हैं. इसके चलते अब रिलायंस कंपनी ने पहली बार बयान जारी किया है. जिसमें कंपनी ने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से रिलायंस कंपनी का कोई लेना देना नहीं है.
रिलायंस ने क्या कहा?
1. रिलायंस ने कहा कि कंपनी या उसकी सहायक कंपनी न तो कॉरपोरेट या कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग करती है और न ही करवाती है. कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि कंपनी की भविष्य में इस कारोबार में उतरने की कोई प्लानिंग नहीं है.
2. कंपनी ने कहा कि रिलायंस या उसकी सहयोगी कंपनियों ने पंजाब-हरियाणा या देश के अन्य हिस्से में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के लिए कोई भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष जमीन की खरीदी नहीं की है और न ही भविष्य में जमीन खरीदने की कोई योजना है.
3. देश में रिलायंस रिटेल एक अग्रणी कंपनी है और यह दूसरी कंपनियों, निर्माताओं और आपूर्तिकर्ताओं के कई ब्रांडों के खाद्य (Food), अनाज (Grain), फल (Fruit), सब्जियां (Vegetables) और डेली उपयोग की वस्तुएं, गारमेंट, दवाएं, इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों सहित सभी श्रेणी के उत्पादों को बेचती है. इसके लिए किसानों से सीधी खरीद नही करते हुए सप्लायर्स किसानों से एमएसपी पर खरीदी करती है.
4. रिलायंस ने यह भी कहा कि किसी भी तरह का अनुचित फायदा लेने के लिए कंपनी ने कभी भी किसानों से लंबे समय के खरीद कॉन्ट्रैक्ट नहीं किये हैं और न ही भविष्य में ऐसा किया जाएगा.
अन्नदाता का सम्मान करते हैं
कंपनी ने अपने बयान में यह बात कही कि किसान देश का अन्नदाता है वह 130 करोड़ भारतीयों पेट भरता है और हम उनका सम्मान करते हैं. कंपनी उनसे जुड़े सहयोगी किसानों को समृद्ध और सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. ताकि किसानों को उनकी कड़ी मेहनत से उपजी फसल का उचित और अधिक मूल्य मिल सकें. रिलायंस ने यह भी कहा कि कंपनी किसानों की आय में स्थायी आधार पर वृद्धि करना चाहती है. इसे लक्ष्य को हासिल करने के लिए हम प्रतिबद्ध है.
दूसरी कंपनियों पर आरोप
वहीं रिलायंस ने बिना नाम लिए अपनी प्रति प्रतिद्वंदी कंपनियों पर भी निशाना साधा है. कंपनी ने यह आरोप लगाया कि जिन राज्यों में मोबाइल टावर तोड़े गए उसके पीछे उनके प्रतिद्वंदी कंपनियों का हाथ है. जिसकी शिकायत कंपनी ने दूरसंचार विभाग से की है. वहीं रिलायंस के इन आरोपों को आईडिया-वोडाफोन और एयरटेल ने बेबुनियाद करार दिया है. इन कंपनियों ने दूरसंचार विभाग को पत्र लिखकर भी स्पष्टीकरण दिया है.