मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार के अलावा राज्य सरकारें भी पहल कर रही हैं. इसी क्रम में हरियाणा सरकार मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए एक सब्सिडी योजना लाई है. दरअसल मत्स्य विभाग के रोहतक मण्डल के उपनिदेशक आत्माराम के मुताबिक, राज्य सरकार के द्वारा बॉयोफ्लॉक पद्धति में मछली पालने के लिए पांच टैंक की क्षमता के लिए 7.50 लाख रूपये का सब्सिडी दिया जाता है जिसमें से 6 लाख रूपये टैंक इत्यादि के खर्च के वहन करने के लिए और 1.50 लाख रूपये अन्य खर्चो के लिए दिए जाते हैं. इसके अलावा पहले वर्ष की पट्टा धन राशि पर भी अनेक योजनाओं के तहत छूट दी जाती है.
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, इस बारे में भारत सरकार के मत्स्य, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री डा. संजीव बालयान ने कहा कि नीली क्रांति योजना के अंतर्गत मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए युवाओं को आगे आना चाहिए. इस क्षेत्र में युवाओं के सीखने के लिए बहुत कुछ है जिससे वे अपनी आर्थिक स्थिति अच्छी कर सकते हैं. उन्होनें यह बात मंगलवार को पानीपत के गांव निम्बरी के पास बने एक निजी मछली पालन फार्म हाउस का दौरा करते हुए कही.
दरअसल डा. संजीव बालयान ने बताया कि मछली पालन में बायोफ्लॉक पद्धति के अंतर्गत आधुनिक तकनीकों के जरिए कृत्रिम टैंक बनाकर उसमें मछली पालन आसानी से किया जाता है. इसके अलावा आरएएस और तालाब पद्धति से भी मछली पालन अब आसानी से किया जा रहा है. उन्होंने आगे बताया कि कई योजनाओं के अंतर्गत मछली पालन पर केन्द्र व प्रदेश सरकार मिलकर 40 फीसद तक सब्सिडी दे रही हैं.
मत्स्य, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लॉकडाउन के दौरान देश को आर्थिक मंदी से उबारने और युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने हेतु जो 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषण की है, उस घोषणा में प्रधानमंत्री ने मत्स्य सम्पदा योजना के तहत लोगों को मछली पालन से जुडने और इससे जुड़े व्यवसाय को देने की बात कही है.