Success Story: एवोकाडो की खेती से भोपाल का यह युवा किसान कमा रहा शानदार मुनाफा, सालाना आमदनी 1 करोड़ रुपये से अधिक! NSC की बड़ी पहल, किसान अब घर बैठे ऑनलाइन आर्डर कर किफायती कीमत पर खरीद सकते हैं बासमती धान के बीज बिना रसायनों के आम को पकाने का घरेलू उपाय, यहां जानें पूरा तरीका भीषण गर्मी और लू से पशुओं में हीट स्ट्रोक की समस्या, पशुपालन विभाग ने जारी की एडवाइजरी भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! आम की फसल पर फल मक्खी कीट के प्रकोप का बढ़ा खतरा, जानें बचाव करने का सबसे सही तरीका
Updated on: 16 February, 2024 10:57 AM IST
हनुमानगढ़ जिले में फसल विविधीकरण पर पायलट प्रोजेक्ट

Fasal Vividhikaran: भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय मृदा सर्वेक्षण एवं भूमि उपयोग नियोजन ब्यूरो, क्षेत्रीय केंद्र, उदयपुर के वैज्ञानिक डॉ. रोशन लाल मीणा ने फसल विविधीकरण पर पायलट प्रोजेक्ट के तहत किसान/विस्तार अधिकारी/विकास अधिकारी/इनपुट डीलर हेतु बुधवार से तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया. यह परियोजना कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार से वित्त पोषित है. इस कार्यक्रम का आयोजन कृषि विज्ञान केंद्र, हनुमानगढ़-I के सहयोग से किया गया. इस परियोजना के तहत पूरे भारतवर्ष में 75 जिलों का चयन किया गया है जिसमें धान की उत्पादकता कम है एवं इन जिलों का बड़ा हिस्सा धान की खेती के लिए उपयुक्त नहीं है.

इस कार्यक्रम के तहत राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले का चयन किया गया है. किसानों, कृषि प्रसार अधिकारियों, विकास अधिकारियों एवं इनपुट डीलर्स को फसल विविधीकरण परियोजना/ fasal vividhikaran pariyojana ​के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन कृषि विज्ञान केंद्र, संगरिया, हनुमानगढ़-I में किया गया.

35 विस्तार/विकास अधिकारी/इनपुट डीलर की ट्रेनिंग का कार्यक्रम

जानकारी के लिए बता दें कि पहले दिन 35 विस्तार/विकास अधिकारी/इनपुट डीलर की ट्रेनिंग का कार्यक्रम रखा. दूसरे दिन के प्रशिक्षण कार्यक्रम में 30 किसानों ने भाग लिया और फसल विविधीकरण के विभिन्न आयामों के बारे में उनको जानकारी देते हुए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया. प्रशिक्षण कार्यक्रम में किसानों को फसल विविधीकरण, फसल सघनीकरण और वैकल्पिक खेती के बारे में जानकारी मिली, जिसके माध्यम से फसल उत्पादकता और मिट्टी के स्वास्थ्य में स्थायी तरीके से सुधार किया जा सकता है. कार्यक्रम के दौरान डॉ. रोशन लाल मीणा, वैज्ञानिक (सहयोग केंद्र परियोजना अन्वेषक), डॉ.अनूप कुमार, प्रमुख, कृषि विज्ञान केंद्र, हनुमानगढ़-I और कृषि विज्ञान केंद्र के विषय विशेषज्ञ ने चावल (धान) और मोनोक्रॉपिंग प्रणाली विविधीकरण और सघनीकरण के संबंध के विभिन्न पहलुओं पर व्याख्यान दिया.

किसान के खेतों का दौरा

इस 2 दिन के प्रशिक्षण के उपरांत इस प्रोग्राम के अंतर्गत एक दिन का किसान के खेतों का दौरा किया जाना सुनिश्चित किया गया है, जिसके अंतर्गत किसानों के खेती से संबंधित जानकारी, उनके मृदा स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी एकत्रित की जाएगी और उसके आधार पर उनको फसल विविधीकरण के लिए फसल चयन के बारे में जानकारी दी जाएगी.

ये भी पढ़ें: नई तकनीक व अनुसंधान क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि, एमपीयूएटी को मिला राष्ट्रीय स्तर पर अवॉर्ड

इस अवसर पर डॉ. रोशन लाल मीणा ने निदेशक, राष्ट्रीय मृदा सर्वेक्षण एवं भूमि उपयोग नियोजन ब्यूरो, नागपुर, डॉ. एन.जी. पाटिल, क्षेत्रीय केंद्र, बेंगलुरु के प्रमुख, डॉ. वी. राममूर्ति, क्षेत्रीय केंद्र, उदयपुर के प्रमुख, डॉ. बी.एल. मीना और डॉ. एन. रवि शंकर, प्रधान वैज्ञानिक, भारतीय कृषि प्रणाली अनुसंधान संस्थान, मेरठ को हार्दिक धन्यवाद दिया.

English Summary: fasal vividhikaran pariyojana Training program organized under pilot project on crop diversification in Hanumangarh district
Published on: 16 February 2024, 11:01 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now