Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 18 March, 2021 3:02 PM IST
Farmers Will Do Farming

दिल्ली बॉर्डर पर पिछले 100 से ज्यादा दिनों से किसान डेरा जमाए बैठे हैं. अब मंजर ऐसा है कि किसान आंदोलन स्थल के पास खाली पड़ी जमीन पर पक्के मकानों का निर्माण कर लिया है.

इतना ही नहीं, अब किसान खाली जगह पर खेती भी करने वाले हैं. बताया जा रहा है कि इन जगहों पर किसान रोजमर्रा की जरूरत वाले पौधे उगाएंगे. किसान नेताओं का कहना है कि जो खाली पड़ी है, उसका कोई इस्तेमाल नहीं हो रहा है, इसलिए अब किसान खाली जगह को खेती के लिए इस्तेमाल करेंगे. इस तरह फसल आंदोलन कर रहे किसान और स्थानीय लोगों के काम भी आएगी.

किसानों को खाली बैठने की आदत नहीं

किसानों का कहना है कि सरकार की तरफ से किसानों की मांग पर किसी तरह की सुनवाई नहीं हो रही है. पिछले 100 दिन से ज्यादा दिन गुजर चुके हैं, लेकिन किसान सड़कों पर ही बैठे हुए है. मगर किसानों को खाली बैठने की आदत नहीं है, इसलिए अब किसान आंदोलन स्थल पर ही अपने लिए संसाधन जुटाने लगे हैं.

सरकार का भरोसा नहीं

इसके साथ ही किसानों ने कहा है कि सरकार का भरोसा नहीं किया जा सकता है कि वह कब तक हमसे बात करेगी. अगर लंबे समय तक बॉर्डर पर बैठना है, तो पक्के मकान के साथ-साथ अपनी जरूरत के लिए खेती भी शुरू करनी होगी. मगर हमारी वजह से किसी को कोई परेशानी न हो, इसका पूरा ध्यान भी रखा जाएगा.

इसके अलावा किसान आंदोलन के शुरूआती दिनों में बहादूरगढ़ जाने के लिए लोगों को पैदल जाना पड़ रहा था. ऐसे किसानों ने स्थानीय लोगों की परेशानी को देखते हुए सड़कों को पूरी तरह से यातायात के लिए खोल दिया है. इसके बाद यहां ऑटो चलना शुरू हो गया है.

मगर पुलिस ने सड़कें बंद की हैं, किसानों ने कहीं भी कोई सड़क बंद नहीं की है. किसानों का कहना है कि हम लोगों की सुरक्षा और सुविधा के लिए हर संभव मदद के लिए तैयार हैं.

English Summary: Farming to be done during farmers movement on Delhi border
Published on: 18 March 2021, 03:11 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now