केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने शुक्रवार को कृषि भवन में पीएम किसान सम्मान निधि और कृषि अवसंरचना निधि योजनाओं के संदर्भ में आयोजित परामर्श समिति की बैठक में भाग लिया.
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में कृषि मंत्रालय के अधिकारीगण एवं वर्चुअल माध्यम से परामर्श समिति के सदस्य सांसदगण उपस्थित रहे. बैठक के दौरान कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में तेजी से हो रहे कृषि सुधार आज दूसरे क्षेत्र के लिए प्रतिस्पर्धा का विषय बन गया है.
अब सरकार का ध्यान देश के छोटे एवं मंझोले किसानों पर है. इसके लिए एक लाख करोड़ रुपये के कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड से देश के 85 प्रतिशत से ज्यादा छोटे व मझौले किसानों तक पूरा फायदा पहुंचना जरूरी है. कैलाश चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने इन्हीं किसानों के लिए एक साथ इतनी बड़ी राशि दी है. इतना फंड पहले कभी उपलब्ध नहीं हुआ.
कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के साथ ही युवाओं को खेती की ओर आकर्षित करने तथा रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कृषि एवं किसान कल्याण के लिए बीते साढ़े 6 साल से अधिक समय में जितने कार्य किए गए हैं, पहले कभी-किसी भी सरकार में इस प्रकार की पहल सफलतापूर्वक संपन्न नहीं हुई. किसानों की माली हालत सुधारने के लिए सरकार द्वारा प्रारंभ की गई पीएम-किसान सम्मान निधि स्कीम में किसानों को हर वर्ष 6 हजार रुपये की मदद सीधे उनके बैंक खाते में दी जाती है. कैलाश चौधरी ने कहा कि इस योजना के तहत जिन किसानों को अभी तक इसका लाभ नहीं मिल पाया है और वे इस योजना के पात्र हैं, तो जल्द ही उन्हें इसका फायदा मिलेगा. कैलाश चौधरी ने कहा कि कांट्रेक्ट फार्मिंग व क्लस्टर खेती होने से किसानों की आय में वृद्धि होगी. 10 हजार एफपीओ की योजना के लिए 6,865 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जिससे 85 प्रतिशत छोटे किसानों को लाभ मिलेगा. छोटे किसानों का रकबा, उत्पादन-उत्पादकता बढ़ाने की दृष्टि से इन एफपीओ की बड़ी भूमिका होगी. सामूहिक रूप से सिंचाई, खाद-बीज आदि सुविधाएं मिलने से खेती की लागत कम होगी.
देश में कोरोना के खिलाफ लड़ाई को मजबूती दे रहा भारतीय रेलवे : केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में भारतीय रेलवे भी काफी अहम भूमिका निभा रही है. रेलवे ने पहले कोरोना के खिलाफ जंग में देश में वेंटिलेटर्स और पीपीई किट की कमी को दूर करने की दिशा में काम किया. साथ ही रेलवे द्वारा 34 ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों से विभिन्न राज्यों में तरल ऑक्सीजन भी उपलब्ध करायी जा रही है. अब 4,400 कोच को आइसोलेशन वार्ड में बदल कर नया कीर्तिमान रच दिया है.
इस तरह से देश में रेलवे ने 70 हजार बेड तैयार कर दिया है. ये देश भर में रेलवे के 40 से ज्यादा अलग-अलग वर्कशॉप में तैयार किए गए हैं. जहां भी जरूरत होगी, इन ट्रेनों को वहां भेज दिया जाएगा. रेलवे इन कोचों में कोरोना संक्रमण के संदिग्धों को क्वारनटीन करेगा. यहां भोजन से लेकर दवाइयों की भी व्यवस्था की गई है. इससे दूर-दराज के इलाकों में कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज में मदद मिलेगी.