3 अक्टूबर रविवार को हुई लखीमपुर घटना की आग अब तक लोगों और ख़ास कर किसानों के अंदर अब तक सुलग रही है. आपको बता दें कृषि कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बीजेपी नेता और उसके बेटे पर 4 किसान सहित 4 अन्य लोगों के मौत का आरोप लगाया था.
जिसके बाद लखीमपुर घटना ने अपना रौद्र रूप धारण कर लिया. देखते-देखते देश के अलग-अलग कोने से किसानों के समर्थन में उतरे लोगों ने अपना क्रोध सरकार और प्रसाशन के प्रति जाहिर किया.
कहीं सड़क जाम कर, तो कही प्रसाशन को घेरकर अपना गुस्सा निकला था. आज एक बार फिर हरियाणा के सोनीपत जिले में संयुक्त किसान मोर्चा ने यूपी के लखीमपुर खीरी जिले में हुई घटना के बाद योगी सरकार के बेरुखे रवैये से परेशान होकर आंदोलन को मजबूत करने का फैसला लिया है. संघ के मुताबिक योगी सरकार का किसानों के प्रति ये रवैया कही से भी स्वीकारने योग्य नहीं है.
आंदोलन को और भी मजबूत और सोई हुई सरकार को जगाने के लिए किसानों द्वारा आगामी 18 अक्तूबर को देशभर में रेल रोको अभियान चलाकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. देशभर में आंदोलन को बढ़ाकर केंद्रीय मंत्री को इस्तीफा देने और उनके बेटे समेत अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए सरकार पर दवाब बनाने की प्लानिंग किसानों द्वारा की जा रही है. साथ ही लोगों है कि लखीमपुर खीरी में शहीद हुए 5 किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए 12 अक्तूबर को अपने घरों के आगे
5 मोमबत्तियां जलाकर सरकार को जगाएंगे किसान
दरअसल, सोनीपत जिले के कुंडली बॉर्डर पर बीते शुक्रवार शाम को लखीमपुर खीरी मामले को लेकर डॉ. दर्शनपाल ने कहा कि सरकार लखीमपुर खीरी के दोषियों को बचाने के लिए योगी सरकार पूरी ताकत लगा रही है. लेकिन सरकार ये भूल गयी है की उनकी ये मनसा कभी कामयाब नहीं होगी. ये सरकार का बहुत ही गलत रवैया है. इससे किसानों में सरकार के प्रति क्रोध हर बीते दिन के साथ बढ़ता जा रहा है.
ये भी पढ़ें:लखीमपुर घटना को लेकर भड़के जिंद जिले के किसानों ने किया सड़क जाम
उन्होंने बताया कि अब किसान और ज्यादा इंतजार नहीं कर सकते. इस बैठक में घटना के लिए जिम्मेदार केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्र को इस्तीफा देने और उनके बेटे समेत अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए सरकार पर दबाव बनाया जाएगा.