बिहार में किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार द्वारा कई तरह की योजनाओं को तैयार की जा रही है. इसी क्रम में राज्य सरकार ने किसानों के हित के लिए कृषि वित्त निगम का प्ररूप तैयार किया है. किसानों की मदद करने की दिशा में बनाया गया यह नया प्रारूप बिल्कुल नया होगा. ऐसा माना जा रहा है कि इसकी रूपरेखा को बिल्कुल शिक्षा वित्त निगम की तरह बनाया गया है. छात्रों को स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के लिए कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता था जिसमें उन्हें कार्ड के लिए बैंको के काफी चक्कर काटने पड़ते थे, वहीं अब यह कार्ड निगम द्वारा छात्रों को दिया जाता है. वहीं इस तर्ज पर बनने वाली कृषि वित्त निगम भी किसानों को बैंक के चक्कर से बचाएगा. किसानों को उनके लाभ के लिए बनाए गये किसान क्रेडिट कार्ड के लिए बैंको के चक्कर लगाने पड़ते हैं लेकिन इस निगम के गठन के बाद किसानों को इससे राहत दिलाया जा सकता है.
सरकार ने इस फैसले को पूरी तरह से जमीन पर उतारने की पहल को शुरू कर दिया है. इस कार्य को सफल बनाने के लिए विभाग ने उप निदेशक स्तर के एक कृषि अधिकारी संतोष कुमार उत्तम को इसका नोडल अधिकारी बनाया है. ज़िम्मेदारी के तौर पर फिल्हाल उन्हें कई तरह के अध्ययन करने का कार्य दिया गया है जिसमें शिक्षा तथा अनुसूचित जाति जनजाति और वित्त विभाग में बने निगमों के नाम शामिल हैं. अधिकारियों को इसके संभाव्यता और तकनीकी पहलुओं पर रिपोर्ट तैयार करके सरकार को देने को कहा गया है. सरकार का मनना है कि पूरी अध्ययन और रूपरेखा के बाद ही कृषि वित्त निगम की सही तस्वीर सामने लायी जाएगी.
किसानों के हित के लिए सरकार द्वारा इसके लिए भी फैसला लिया गया है. एक फैसला लेते हुए राज्य सरकार ने खुद को राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना से अलग कर लिया था जिसके बाद राज्य के किसानों को अपनी फसल सहायता योजना बनाकर इससे जोड़ा गया. किसानों को इसका लाभ यह मिला की आपदा की स्थिती में भी उनको नुकसान का भरपाई मिला और उन्हें प्रीमियम के रूप में राशि भी नहीं देनी पड़ी. बता दें कि इसके तकनीकी पहलुओं पर जोर शोर से विचार चल रहा है अगर यह योजना सफल रहा तो फसल सहायता योजना की तरह यह किसानों के हित की दूसरी बड़ी पहल होगी.
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