देशभर में मौसम ने ली करवट! यूपी-बिहार में अब भी बारिश का अलर्ट, 18 सितंबर तक झमाझम का अनुमान, पढ़ें पूरा अपडेट सम्राट और सोनपरी नस्लें: बकरी पालक किसानों के लिए समृद्धि की नई राह गेंदा फूल की खेती से किसानों की बढ़ेगी आमदनी, मिलेगा प्रति हेक्टेयर 40,000 रुपये तक का अनुदान! किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 3 July, 2021 4:59 PM IST
Kisan Andolan

केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन थम नहीं रहा है. कृषि कानून को वापस लेने की मांग पर अड़े किसानों का प्रदर्शन कोरोना की दूसरी लहर के प्रभाव के बीच भी जारी है. इसी कड़ी में अब किसान मानसून सत्र के दौरान दिल्ली कूच की तैयारी में जुटे हैं. दरअसल, संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में किसान दिल्ली कूच पर फैसला ले सकते हैं.

किसानों का बड़ा ऐलान

भारतीय किसान यूनियन एकता (डकोंद) के प्रधान बूटा सिंह ने इस बात की संभावना जताई है कि किसान दिल्ली और संसद तक पैदल मार्च कर सकते हैं. साथ ही किसान आने वाली 6 जुलाई को पंजाब में मोती महल का घेराव जत्थे निकालकर कर सकते हैं. बता दें कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के आवास का नाम मोती महल है.

किसानों की बिजली सप्लाई की कम

मौजूदा समय में किसान धान की बुवाई की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन ऐसे में पंजाब में धान उगाने वाले किसानों की बिजली सप्लाई कम कर दी गई है. इस कारण किसान नाराज चल रहे हैं. एक तो पहले किसानों को 8 घंटे तक बिजली मिलती थी, ऐसे में फिर अब महज 4 घंटे  बिजली देने से किसानों में काफी आक्रोश है.

मानसून सत्र के दौरान पार्टियों पर किसानों की नजर!

बूटा सिंह का कहना है किसान मानसून सत्र में विपक्षी दलों पर नजर बनाए रखेंगे. मानसून सत्र में किसान उन्हीं पार्टी का विरोध करेंगे,जो किसानों का समर्थन नहीं करेगी.

बिना कृषि कानून वापसी के नहीं हटेंगे किसान

हाल ही में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का बयान आया था, जिस पर बूटा सिंह ने कहा कि कृषि कानून रद्द होने चाहिए, इसके अलावा किसानों को कुछ भी मंजूर नहीं है. अगर इन्हें रद्द नहीं किया जाता है, तो राजनीति से बीजेपी का सफाया हो सकता है. अगर दूसरी सरकार ने भी कृषि कानून वापस नहीं लिए, तो हम किसान अपना आंदोलन जारी रखेंगे.

English Summary: farmers will march to Parliament during monsoon session
Published on: 03 July 2021, 05:09 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now