Organic Farming: रासायनिक खेती से जैविक खेती में परिवर्तन करने पर आने वाली चुनौतियां और उनका समाधान Seekho Kamao Yojana: युवाओं को प्रशिक्षण के साथ हर महीने मिलेंगे 10,000 रुपए, जानें पात्रता और आवदेन प्रक्रिया! खुशखबरी: बिजली बिल से मिलेगा छुटकारा! सरकार दे रही 1.8 लाख तक की सब्सिडी, फ्री में लगवाएं सोलर पैनल Rooftop Farming Scheme: छत पर करें बागवानी, मिलेगा 75% तक अनुदान, जानें आवेदन प्रक्रिया Diggi Subsidy Scheme: किसानों को डिग्गी निर्माण पर मिलेगा 3,40,000 रुपये का अनुदान, जानें कैसे करें आवेदन Digital India: लॉन्च हुआ फेस आईडी वाला Aadhaar App, अब नहीं देनी होगी कहीं आधार की फोटोकॉपी! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Tarbandi Yojana: अब 2 बीघा जमीन वाले किसानों को भी मिलेगा तारबंदी योजना का लाभ, जानें कैसे उठाएं लाभ? सिंचाई के लिए पाइप खरीदने पर किसानों को ₹15,000 तक की सब्सिडी, जानिए पात्रता और आवेदन प्रक्रिया!
Updated on: 3 July, 2021 4:59 PM IST
Kisan Andolan

केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन थम नहीं रहा है. कृषि कानून को वापस लेने की मांग पर अड़े किसानों का प्रदर्शन कोरोना की दूसरी लहर के प्रभाव के बीच भी जारी है. इसी कड़ी में अब किसान मानसून सत्र के दौरान दिल्ली कूच की तैयारी में जुटे हैं. दरअसल, संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में किसान दिल्ली कूच पर फैसला ले सकते हैं.

किसानों का बड़ा ऐलान

भारतीय किसान यूनियन एकता (डकोंद) के प्रधान बूटा सिंह ने इस बात की संभावना जताई है कि किसान दिल्ली और संसद तक पैदल मार्च कर सकते हैं. साथ ही किसान आने वाली 6 जुलाई को पंजाब में मोती महल का घेराव जत्थे निकालकर कर सकते हैं. बता दें कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के आवास का नाम मोती महल है.

किसानों की बिजली सप्लाई की कम

मौजूदा समय में किसान धान की बुवाई की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन ऐसे में पंजाब में धान उगाने वाले किसानों की बिजली सप्लाई कम कर दी गई है. इस कारण किसान नाराज चल रहे हैं. एक तो पहले किसानों को 8 घंटे तक बिजली मिलती थी, ऐसे में फिर अब महज 4 घंटे  बिजली देने से किसानों में काफी आक्रोश है.

मानसून सत्र के दौरान पार्टियों पर किसानों की नजर!

बूटा सिंह का कहना है किसान मानसून सत्र में विपक्षी दलों पर नजर बनाए रखेंगे. मानसून सत्र में किसान उन्हीं पार्टी का विरोध करेंगे,जो किसानों का समर्थन नहीं करेगी.

बिना कृषि कानून वापसी के नहीं हटेंगे किसान

हाल ही में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का बयान आया था, जिस पर बूटा सिंह ने कहा कि कृषि कानून रद्द होने चाहिए, इसके अलावा किसानों को कुछ भी मंजूर नहीं है. अगर इन्हें रद्द नहीं किया जाता है, तो राजनीति से बीजेपी का सफाया हो सकता है. अगर दूसरी सरकार ने भी कृषि कानून वापस नहीं लिए, तो हम किसान अपना आंदोलन जारी रखेंगे.

English Summary: farmers will march to Parliament during monsoon session
Published on: 03 July 2021, 05:09 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now