किसानों को लाभ पहुंचाने और उर्वरक की चल रही कालाबाजारी पर रोक लगाने के लिए कृषि विभाग ने सख्ती दिखाना शुरू कर दिया है, ताकि किसानों को उर्वरक सही दाम पर और उचित तरीके से मिल सके. आपको बता दें कि कृषि विभाग ने उर्वरक पर हो रही धोखाधड़ी को रोकने के लिए अब जिले में एक एकड़ जमीन पर किसानों को सिर्फ दो कट्टे ही उर्वरक प्राप्त होगी.
इसके लिए खाद दुकानदारों को खाद क्रय करने और विक्रय करने के लिए रजिस्टर अपडेट करना होगा. इसके अलावा सोनभद्र जिले के कृषि अधिकारी डॉ. हरिकृष्ण मिश्रा ने जिले की सभी दुकानदारों को किसानों को उर्वरक खरीदने पर कैश मेमो देने का निर्देश दिया है. उन्होंने यह भी कहा है कि किसानों से मनमाने ढंग से खाद की अधिक वसूल (overcharge of manure) करने वाले दुकानदारों का लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा.
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यूरिया और DAP खाद की किल्लत (shortage of urea and DAP fertilizers)
किसानों ने अपने परेशानियों में बताया कि उन्हें यूरिया और DAP खाद (Urea and DAP Fertilizer) की किल्लतों का सामना करना पड़ा था. जबकि वहीं यह सभी खाद दुकानदारों को किसानों के जरूरत के मुताबिक हुई थी. किसानों की इस परेशानी को देखते हुए जब प्रशासन ने अपनी ओर से जांच करना शुरू किया तो इसे उन्हें पता चला कि सोनभद्र के कई उर्वरक विक्रेता पड़ोसी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार और झारखंड में यूपी के डीएपी, यूरिया समेत अन्य उर्वरकों की कलाबाजी यानी आपूर्ति कर रहे हैं. जिस कारण से किसानों को इन सभी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
एक एकड़ जमीन पर दो कट्टे यूरिया और DAP (Two bags of urea and DAP on one acre of land)
किसानों की इस सभी परेशानियों को हल करने के लिए कृषि विभाग (Agriculture Department) ने एक नया तरीका अपनाया है. इस नए तरीके में दुकानदारों को एक एकड़ जमीन पर किसानों को दो कट्टे यूरिया, डीएपी (Urea, DAP) दिया जाएगा. देखा जाए तो जिले में लगभग 412 उर्वरक विक्रेता मौजूद हैं, इसलिए सरकार इस सभी विक्रेता पर निगरानी सरलता से कर सकती है. इन सभी उर्वरकों की जानकारी रखने के लिए कृषि विभाग ने सभी दुकानदारों को सख्त निर्देश दिए है, कि दुकानदार किसानों से सभी तरह के जरूरी कागजात लेने के बाद ही उन्हें उर्वरक दें और फिर अपनी स्टाक रजिस्टर को मेंटेन रखें.
ताकि सरकार के पास सभी उर्वरक की जानकारी मौजूद हो. कि किस किसान को कितना उर्वरक दिया गया. अगर जिले में निरीक्षण के दौरान स्टॉक रजिस्टर सही नहीं मिला तो उस दुकानदार का लाइसेंस तुरंत निरस्त कर दिया जाएगा, ताकि जिले में उर्वरक की चोरी पर रोक लगाया जा सके.