पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने एक ऐसी योजना पर काम शुरू कर दिया है जिसमें देश में सस्ता और स्वच्छ ईंधन तैयार किया जाएगा. यह सस्ता ईंधन देश के पांच हजार कॉम्प्रेस्ड बायोगैस (Compressed Biogas) प्लांट से निर्मित होगा. इन प्लांट में निवेश के लिए केंद्र सरकार ने दो लाख करोड़ रुपए का निवेश करने की तैयारी की है.
इन एनर्जी कंपनियों से हुआ करार (Petro net LNG MOU)
एनर्जी कंपनियों जेबीएम ग्रुप, अडानी गैस, पेट्रोनेट एलएनजी आदि के साथ केंद्र सरकार ने एमओयू (MOU) तैयार किया है, जिसमें जैव और फसल अवशेषों (Bio and Crop Residues) से ईंधन तैयार किया जाएगा. केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एमओयू (Memorandum of Understanding) पर हस्ताक्षर करते हुए कहा है कि जैव और फसल अवशेषों से तैयार होने वाले ईंधन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं. जिससे किसानों को फसल अवशेषों से भी काफी फायदा होने वाला है.
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने सतत वैकल्पिक और किफायती परिवहन यानी Sustainable Alternative Towards Affordable Transportation (SATAT) के लिए स्पष्ट रोडमैप बना लिया है, जिससे स्वच्छ, सस्ता और टिकाऊ ईंधन तैयार किया जाएगा. आपको बता दें कि भारत सरकार की तरफ से 1 अक्टूबर 2018 को परिवहन क्षेत्र के लिए एक वैकल्पिक और स्वच्छ ईंधन के उत्पादन और कॉम्प्रेस्ड बायोगैस (Compressed Bio Gas) प्लांट की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए पहल शुरू की गई थी.
1500 कॉम्प्रेस्ड बायो गैस प्लांट
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री के मुताबिक सतत वैकल्पिक किफायती परिवहन (Sustainable Alternative Towards Affordable Transportation) में भारतीय उद्योग से जुड़े लोगों ने अत्यधिक रुचि दिखाई है. 600 कॉम्प्रेस्ड बायो गैस प्लांट पर पहले से ही काम शुरू हो चुका है, और अब 900 कॉम्प्रेस्ड बायो गैस प्लांट के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर हो गए हैं जिससे अब कुल 1500 कॉम्प्रेस्ड बायो गैस (Compressed Bio Gas) प्लांट पर काम चल रहा है. इस योजना के तहत साल 2023 से 2024 तक 5 हजार कॉम्प्रेस्ड बायो गैस प्लांट की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है. एमओयू (MoU) पर हस्ताक्षर होने के बाद इस योजना को सरकार की स्वच्छ ऊर्जा पहल में एक क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है.