Dairy Farming: डेयरी फार्मिंग के लिए 42 लाख रुपये तक के लोन पर 33% तक की सब्सिडी, जानें पात्रता और आवेदन प्रक्रिया PM Kisan Yojana Alert: जिन किसानों का नाम लिस्ट से हटा, आप भी उनमें तो नहीं? अभी करें स्टेटस चेक Success Story: सॉफ्टवेयर इंजीनियर से सफल गौपालक बने असीम रावत, सालाना टर्नओवर पहुंचा 10 करोड़ रुपये से अधिक! किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 19 October, 2021 12:05 PM IST
Urea

खरीफ की फसलों की कटाई के बाद अब रबी की फसलों की बुवाई शुरू होने वाली है. फसलों की बुवाई के समय किसान कई अन्य चीज़ों पर निर्भर रहते हैं. जैसे खेतों में ठीक ढंग से सिंचाई से लेकर अनुकूल वातावरण तक.

वहीं अच्छी और उच्च श्रेणी वाली उपज के लिए किसानों की निर्भरता खाद पर भी होती आई है. खाद अच्छी क्वालिटी और सही मात्रा में डाली जाए, तो उससे फसलों की उपज में काफी वृद्धि होती है.

ऐसे में किसान खाद को लेकर काफी चिंतित रहते हैं. इस बीच देश के कई राज्यों से खाद की किल्लत की खबरें आ रही हैं. खाद वितरणों केंद्रों पर किसानों की लंबी कतारें देखने को मिल रही है. हाल ही में सरकार ने डीएपी पर सब्सिडी को बढ़ाकर किसानों को राहत दी है. अगर सरकार सब्सिडी नहीं बढ़ाती तो किसानों को डीएपी के लिए अधिक खर्च करना पड़ता. केंद्र सरकार ने 12 अक्टूबर को डीएपी पर सब्सिडी 24,231 रुपए से बढ़ाकर 33,000 रुपये प्रति टन करने की मंजूरी दी थी.

आपको बता दें  पहले 50 किलोग्राम वाले डीएपी के एक पैकेट की कीमत 2411 रुपये थी. इसमें से सरकार सब्सिडी के रूप में 1211 रुपये देती थी और किसानों को 1200 रुपये में डीएपी मिल जाता. पिछले दिनों पर अगर नजर डालें तो डीएपी की कीमत बढ़कर 2850 रुपये हो गई. ऐसे में किसानों की जेब पर जब अधिक बोझ बढ़ने लगा तो  इसे देखते हुए सरकार ने सब्सिडी का पैसा बढ़ाने का निर्णय लिया.

सरकार ने सब्सिडी की रकम को 1211 से बढ़ाकर 1650 रुपये कर दिया. जिसके तहत किसानों को डीएपी खरीदने के लिए अधिक पैसा नहीं खर्च करना पड़ा रहा है. उन्हें 1200 रुपये में ही 50 किलोग्राम का पैकेट आसानी से मिल रहा है.

अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में कीमतों में हुई बढ़ोतरी

अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में कीमतों की बढ़ोतरी से खाद के आयात में कमी आई है. यहीं कारण है कि मौजूदा वक्त हालात खराब हो रही है. मिली जानकारी के मुताबिक, भारत में आयातित डीएपी की कीमत इस बार 675 से 680 डॉलर प्रति टन तक पहुंच गई है, जबकि पिछले साल इस समय खाद का भाव 370 डॉलर था.

ये भी पढ़ें: Khad Beej Licence: खाद-बीज लाइसेंस के लिए आवेदन प्रक्रिया, योग्यता और जरूरी दस्तावेज

किसानों को मिलेगा सब्सिडी का लाभ

सब्सिडी के लिए किसानों को अब भी डीएपी की एक बोरी के लिए 1200 रुपये ही देने हैं. सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए आपको अपना पहचान पत्र यानि आधार कार्ड या किसान कार्ड  देना होगा और बायोमेट्र्रिक (अंगूठे का निशान) से आपकी पहचान के बाद कंपनी के बैंक खाते में सरकार सब्सिडी का 1650 रुपये डीबीटी के माध्यम से जारी करेगी.खाद की आपूर्ति को लेकर एक बार फिर से राज्यों में चिंताजनक स्थिति उत्त्पन हो गई है. फसल की बुवाई के समय  खाद नहीं मिलने से किसान परेशान हो रहे हैं.

किसानों का कहना है कि प्रति एकड़ 2 बोरी डीएपी मिलने से आपूर्ति नहीं हो रही है जबकि उन्हें प्रति एकड़ 4 से 5 बोरी तक आवश्यकता है.

English Summary: Farmers will get the benefit of subsidy on fertilizer, know full news
Published on: 18 October 2021, 06:24 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now