देश के किसान भाइयों की मदद के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार हमेशा उनके साथ खड़ी रहती है. इसी क्रम में सरकार ने कई तरह की योजना व सब्सिडी चला रखी हैं. जिनकी मदद से किसानों को तकनीकी उपकरण से लेकर अन्य कई आर्थिक मदद की जाती है.
आपको बता दें कि बिहार सरकार ने भी किसानों के लिए अहम कदम उठाए हैं, जिसमें राज्य के किसानों को बीज पर अच्छी सब्सिडी दी जाएगी. तो आइए सरकार की स्कीम के बारे में विस्तार से जानते हैं...
चौथी कृषि रोड मैप की तैयारी में सरकार
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राज्य के किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार करने के लिए बिहार सरकार केंद्र सरकार की मदद से चौथी कृषि रोड मैप की तैयारी में लगी हुई है. ताकि किसान खेती-किसानी में आत्मनिर्भर बन सके और अधिक से अधिक लाभ प्राप्त कर सके.
एक सर्वे से पता चला है कि कृषि विभाग की लगभग 90 प्रतिशत खेती की जमीने खाली पड़ी हुई है. जिनका अब सरकार सही इस्तेमाल करने जा रही है. बता दें कि सरकार अब इन खाली पड़ी जमीनों को निजी कंपनी या एजेंसी के हाथों में सौप देंगी. ताकि इन कंपनियों की मदद से राज्य में बीज प्रोडक्शन सरलता से बढ़ सके. इस कार्य के लिए सरकार एक नीति तैयार कर रही है. निजी कंपनी जितना भी बीज तैयार करेंगी उसका आधा वह राज्य के किसानों को देंगी.
कंपनियों से फ्री में मिलेंगे बीज
सरकार की इस नीति के तैयार होने के बाद से राज्य के किसान भाइयों को बीज पहुंचाने की सुविधा खुद सरकार उनके घर तक पहुंचाएंगी. इस विषय में राज्य के कृषि अधिकारियों का कहना है कि अच्छी फसल के लिए किसान के पास अच्छे किस्म के बीज की सुविधा प्राप्त होनी चाहिए. इसलिए सरकार के द्वारा कई जिलों में बीज की होम डिलीवरी जारी है. देखा जाए तो अकेले बिहार के गया में 50 प्रतिशत तक बीज की होम डिलीवरी की जाती है. इसी स्कीम को अब पूरे राज्य में बढ़ाने की तैयारी जोरों पर चल रही है.
बीज की आवश्यकता
एक रिपोर्ट से पता चला है कि बिहार में हर साल लगभग 15 लाख क्विंटल से भी अधिक किसानों को बीज की आवश्यकता होती है. लेकिन वहीं किसानों को सिर्फ 4 लाख क्विंटल बीज का उत्पादन ही मिल पा रहा है. बाकी बचा शेष बीज को बाहर से मंगवाया जाता है. ताकि किसान अच्छे से खेती कर सके.
बता दें कि यह बाहर से मंगवाया गया बीज किसानों को बेहद महंगा पड़ता है. क्योंकि इसमें ट्रैवल खर्च से लेकर अन्य कई तरह के टैक्स शामिल होते हैं. इसी स्थिति में सुधार करने के लिए बिहार सरकार ने केंद्र सरकार की मदद से इस नीति को तैयार करने पर जोर दिया है.