AIF Scheme: किसानों के लिए वरदान है एग्री इंफ्रा फंड स्कीम, सालाना कर सकते हैं 6 लाख रुपये तक की बचत, जानें कैसे करें आवेदन स्टार 33 मक्का: कम निवेश में बंपर उत्पादन की गारंटी इस किस्म के दो किलो आम से ट्रैक्टर खरीद सकते हैं किसान, जानें नाम और विशेषताएं भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! आम की फसल पर फल मक्खी कीट के प्रकोप का बढ़ा खतरा, जानें बचाव करने का सबसे सही तरीका
Updated on: 25 March, 2022 1:55 PM IST

किसानों के लिए उनकी फसलें (Crops) एक बच्चे के सामान होती हैं, जिसे वह दिल लगाकर बीज से फसल (Seed to Plant) तक बड़ा करते हैं, लेकिन बिगड़ते मौसम और अचानक बारिश की वजह से किसानों की हर साल फसलें तो खराब (Crop Damage) होती ही हैं, साथ ही गुलाबी सूंडी (Pink Bollworm) जैसे कीटों का फसलों में हमेशा आतंक मचा रहता है. इसी कड़ी में हरियाणा सरकार (Haryana Government) ने अपने राज्य के किसानों को फसलों पर मुआवज़ा (Crop Compensation) देने की बात कही है.

किसानों को मिलेगा फसल मुआवज़ा (Farmers will get crop compensation)

दरअसल, प्रदेश में पिछले साल खरीफ सीजन (Kharif Season) में जितने भी किसानों को मौसम और गुलाबी सुंडी की वज़ह से नुकसान हुआ था, उनके लिए मुआवज़ा राशि (Crop Compensation Amount for Farmers) जारी कर दी है. यह राशि जिला राजस्व विभाग द्वारा आगे एसडीएम (SDM) में भेजी जा चुकी है, जहां से सभी किसानों को इसका लाभ मिल सकेगा.

खरीफ सीजन में हर साल होती है फसल ख़राब (Crop is bad every year in Kharif season)

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पिछले साल खरीफ सीजन (Kharif Season) में फसल ख़राब होने का मुआवज़ा (Fasal Muavza) किसानों को अबतक नहीं मिला था, जिसके चलते उन्होंने राज्य में धरना प्रदर्शन करना शुरू कर दिया था. साथ ही कुछ किसानों ने इस पर अपनी नाराज़गी भी जताई थी. यही वज़ह है की राज्य सरकार ने किसानों की मांग पूरी की.

गुलाबी सुंडी का कपास की फसलों पर आतंक (Terror of pink worm on cotton crops)

हरियाणा में मौसम की मार ने किसानों को तो निराश किया ही किया साथ ही फसलों को कीटों ने भी नहीं छोड़ा. खासकर कपास की फसलों (Cotton Crops) में गुलाबी सूंडी (Pink Bollworm) इतनी तेज़ी से अपना प्रकोप डालती है कि उससे अबतक निजात पाने कोई तरीका नहीं खोजा गया है.

हरियाणा ने इन क्षेत्रों के लिए जारी की फसल मुआवज़ा राशि (Haryana released crop compensation amount for these areas)

ऐसे में हरियाणा के गिरदावरी के कुछ जिलों (Some districts of Girdawari of Haryana) में 68 हज़ार एकड़ में फसल नुकसान पाया गया था. ऐसे में राज्य सरकार ने किसानों के मुआवज़े के लिए 51 करोड़ 43 लाख 41 हज़ार 500 की राशि रिलीज़ कर दी है.

वहीं, राज्य के उचाना खंड (Uchana Division of the Haryana) में करीब 54 हज़ार एकड़ में कपास की फसलों (Cotton Crops) सहित अन्य फसलों पर गुलाबी सूंडी और मौसम ने अपना केहर भरपाया हुआ था. इसके लिए राज्य सरकार ने 39 करोड़ 33 लाख 71000 रुपये की राशि प्रदान की गयी है.

इसके अलावा, जुलाना खंड (Julana Division) में फसलों का 4734 एकड़ में नुकसान पाया गया था. इसके लिए राज्य सरकार ने 20 लाख 61500 रुपये की फसल मुआवज़ा राशि इस खंड को प्रदान की है. हरियाणा में कई किसान हैं, जिनकी फसलें हर साल ख़राब होती हैं, इसलिए राज्य सरकार ने किसानों की फसलों पर मुआवज़ा देने का ऐलान किया है.

गौरतलब है कि किसानों को इसका लाभ तभी मिल सकेगा, जब उन्होंने राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही मेरी फसल, मेरा ब्यौरा पोर्टल पर अपना पंजीकरण (Registration on Meri Fasal Mera Byora Portal) करवाया होगा.   

English Summary: Farmers will get compensation for bad crops and pink bollworm
Published on: 25 March 2022, 02:07 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now