जैविक खाद (Organic Manure) फसलों की अच्छी उपज के लिए बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. इसमें वर्मी कम्पोस्ट खाद यानि केंचुआ खाद सबसे अधिक उपयोग मानी गई है. इसके उपयोग से किसान कम समय में अच्छी गुणवत्ता वाली फसल प्राप्त कर सकते हैं.
इसी क्रम में जैविक खाद को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के कृषि विभाग ने 1041 ग्रामीण क्षेत्रों में वर्मी कम्पोस्ट इकाई की स्थापना करने की योजना बनाई है. इस योजना के तहत वर्मी कम्पोस्ट इकाई बनवाने के लिए किसानों को 75 प्रतिशत का अनुदान की सुविधा भी प्रदान की जाएगी.
वर्मी कंपोस्ट यूनिट की स्थापना के लिए जरुरी बातें (Requirements For Setting Up A Vermicompost Unit)
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वर्मी कंपोस्ट यूनिट की स्थापना के लिए लाभार्थी के पास कम से कम एक एकड़ जमीन होनी चाहिए.
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लाभार्थियों का चयन पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर किया जाएगा.
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इस योजना का लाभ केवल उन्हीं किसानों को मिलेगा, जिन्होंने अपना आवेदन किया होगा.
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एक बार चयन हो जाने के बाद दोबारा चयनित किसान को इस योजना का लाभ उठाने के मौका नहीं दिया जायेगा.
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इस योजना का लाभ उठाने के लिए सामान्य, पिछड़ी जाति, अनुसूचित जातियों और जनजातियों और महिलाओं के लिए आरक्षित ग्राम को ही वरीयता दी जाएगी.
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इस योजना के तहत सरकार 75 प्रतिशत अनुदान मुहैया करेगी, जिमसें अनुदान राशि छह हजार रुपये होगी.
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इस योजन की सबसे खास बात यह है कि इसके तहत महिलाओं के लिए आरक्षित ग्राम पंचायतों में महिला किसानों का चयन भी होगा.
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क्या है वर्मी कम्पोस्ट (What Is Vermi Compost)
वर्मी कम्पोस्ट एक ऐसी खाद है, जो रासायनिक खाद की तुलना में सबसे अच्छा जैविक उर्वरक होता है. पौधों की बेहतर वृद्धि और उपज के लिए वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग किया जाता है. वर्मी कम्पोस्ट फसलों के उत्पादन को बढ़ाता है और पर्यावरण को प्रदूषित किए बिना हानिकारक कीटों से भी बचाव कर सकता है. वर्मी कम्पोस्ट के प्रयोग से बीज के अंकुरण में वृद्धि होने के साथ – साथ तने की ऊंचाई बढ़ती है. इस तरह फसलों के लिए वर्मी कम्पोस्ट उपयोगी है.