कृषि जागरण के "फार्मर द जर्नलिस्ट" पहल की बदौलत अब हर गांव के किसान पत्रकार बन सकते हैं और अपनी आवाज बुलंद कर सकते हैं. पिछले साल के मुकाबले यह देखा गया है कि जो पत्रकार आमतौर पर कृषि से संबंधित समाचारों को कवर करते हैं.
उन्हें इस विषय का न्यूनतम ज्ञान होता है. जिसके चलते किसानों के वास्तविक मुद्दे और चिंताएं अनसुनी रह जाती हैं. इन सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, कृषि पत्रकारिता में एक लंबा इतिहास और गहन विशेषज्ञता रखने वाले कृषि जागरण के एडिटर इन चीफ एम सी डोमिनिक ने " फार्मर द जर्नलिस्ट" कार्यक्रम शुरू करने की पहल की. इस पहल के जरिए कृषि जागरण प्रतिभाशाली किसानों को पत्रकार बनने के लिए मुफ्त में प्रशिक्षण प्रदान करेगा. वह इसमें युवा पीढ़ी को शामिल करना चाहते हैं, क्योंकि मोबाइल जैसी तकनीक अब किसानों को अपनी प्रथाओं और कठिनाइयों की वीडियों को शूट करने की अनुमति देता है, भले ही वे लिखने में असमर्थ हों. लेकिन फिर भी वह अपनी आवाज को लोगों तक पहुंचा सकते हैं.
किसान अपने प्रशिक्षित कौशल का उपयोग करके वैधानिक सरकारी निकायों और देश के हर कोने में ज्ञान और चिंताओं को प्रसारित करने के लिए FTJ प्रयास में पत्रकार बनेंगे. बता दें कि किसानों के बीच कृषि जागरण का यह कार्यक्रम सफल रहा है. जिसमें पूरे भारत के किसानों ने हिस्सा लिया.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आज यानी कि 15 जुलाई 2022 शुक्रवार को कृषि जागरण ने लाइव सत्र का आयोजन किया. इस कार्यक्रम का उद्देश्य दुनिया को किसानों के दृष्टिकोण को प्रदर्शित कर, उन्हें एक अवसर प्रदान करना है और उन चुनौतियों पर चर्चा करना था, जिनका वे कृषि में अभ्यास करते रहते हैं. पूरे भारत के 100 से अधिक किसानों ने इस ऑनलाइन कार्यक्रम में भाग लिया.
श्रुति जोशी निगम, सामग्री प्रबंधक (हिंदी) द्वारा कृषि जागरण के इस कार्यक्रम की शुरुआत, जिन्होंने विभिन्न राज्यों से वेबिनार में शामिल हुए सभी वक्ताओं का स्वागत किया. उन्होंने कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए कहा कि कृषि हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. उन्होंने बताया कि कोविड-19 जैसे कठिन समय में भी कृषि ने देश की अर्थव्यवस्था में बहुत योगदान दिया है.
एम.सी. डोमिनिक ने किसानों को आगे बढ़ने की दिशा दी
श्रुति निगम ने कृषि जागरण के एडिटर इन चीफ, एम.सी डोमिनिक को कार्यक्रम संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया. जिसमें उन्होंने कहा कि कार्यक्रम आयोजित करने के पीछे उनका विचार किसानों के साथ विचारों का आदान-प्रदान करना है और उन्हें मार्गदर्शन और समर्थन प्रदान करना है, ताकि वे सफलता की दिशा में आगे बढ़ सकें.
अपनी प्रेरणा और विश्वास व्यक्त करते हुए, एम.सी. डॉमिनिक ने कहा कि 25 साल पहले उन्होंने किसानों के जीवन को बेहतर बनाने और कृषि क्षेत्र को किसानों के लिए अधिक लाभदायक बनाने की दिशा में काम करने की दृष्टि से कृषि जागरण की शुरुआत की थी. उनके अनुसार, यदि किसानों को सही प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है, तो वे अपने मुद्दों और चिंताओं को सही ढंग से सामने रख सकते हैं.
एफटीजे की मदद से, किसान प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से इन कौशलों को हासिल कर सकते हैं, और खुद को अधिक कुशलता से व्यक्त कर सकते हैं.
इसके अलावा एम सी डोमिनिक ने सभी किसानों को एक अंतरराष्ट्रीय वैश्विक कार्यक्रम के बारे में भी बताया, जो इस महीने की 21 तारीख को आयोजित होने जा रहा है. उन्होंने सभी किसानों को इस आयोजन में भाग लेने के साथ-साथ किसान समुदाय का वैश्विक दृष्टिकोण हासिल करने के लिए प्रोत्साहित किया.
एफटीजे के तहत प्रशिक्षित किसानों में अतुल त्रिपाठी, हनुमान पटेल, नरेंद्र सिंह, नरेंद्र सिंह मेहरा, मनोज खंडेलवाल, रामचंद्र एस दुबे, पंकज बिष्ट, दीपक पांडे, शोभाराम, शरद कुमार, गौतम, राजकुमार पटेल और रंगनाथ शामिल रहे, जिन्होंने इस कार्यक्रम के दौरान अपने अनुभव साझा किए.
कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी किसान काफी उत्साहित नजर आए और उन्होंने एम.सी. डोमिनिक और कृषि जागरण की टीम को धन्यवाद भी किया कि उन्हें अपने विचारों और मुद्दों को व्यक्त करने के लिए कृषि जागरण ने उन्हें अवसर प्रदान किया. इसी के साथ उन्होंने इस अभिनव कार्यक्रम को शुरू करने के लिए कृषि जागरण को बधाई और धन्यवाद दिया.
कृषि जागरण के मुख्य परिचालन अधिकारी डॉ. पंत भी ऑनलाइन कार्यक्रम में शामिल हुए. उन्होंने किसानों को कृषि जागरण के एक और अभिनव कार्यक्रम की जानकारी दी. FTB या किसान ब्रांड पहल किसानों को अपने कृषि उत्पाद बेचने में मदद करती है.