देशभर में मौसम ने ली करवट! यूपी-बिहार में अब भी बारिश का अलर्ट, 18 सितंबर तक झमाझम का अनुमान, पढ़ें पूरा अपडेट सम्राट और सोनपरी नस्लें: बकरी पालक किसानों के लिए समृद्धि की नई राह गेंदा फूल की खेती से किसानों की बढ़ेगी आमदनी, मिलेगा प्रति हेक्टेयर 40,000 रुपये तक का अनुदान! किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 29 January, 2022 3:15 AM IST
Farmer Protest

दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन करने वाले किसान नेताओं (Farmer Leaders) का गुस्सा अभी भी शांत नहीं हुआ. किसान नेताओं का गुस्सा दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है. जी हाँ बताया जा रहा है कि दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के विरोध के अंत के समय किए गए वादों को पूरा नहीं किया गया है, इसलिए संयुक्त किसान मोर्चा ने एक फिर से धरना धरने की घोषणा की है.

दरअसल, किसानों के साथ हुए कथित धोखे का विरोध करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने 15 जनवरी को एक अहम बैठक की, जिसमें यह फैसला किया था. कृषि संगठनों की बैठक के बाद, किसान नेताओं ने 31 जनवरी को "विश्वासघात दिवस"( Betrayal Day) के रूप में मनाने की घोषणा की.

वहीं किसान नेता वीरेंद्र हुड्डा ने कहा कि किसानों के खिलाफ दर्ज मामले वापस नहीं लिए गए हैं और ना ही एमएसपी (MSP ) पर कोई कानूनी गारंटी दी गई है.  इस बात को लेकर किसानों का गुस्सा बढ़ रहा है. इस मोर्चे में शामिल किसान नेताओं का कहना है कि यह कार्यक्रम देश के कम से कम 500 जिलों में आयोजित किया जाएगा. इन प्रदर्शनों में केंद्र सरकार के नाम ज्ञापन भी दिया जाएगा.

इसके अलावा संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि 'मिशन उत्तर प्रदेश' जारी रहेगा, जिसके जरिए इस किसान विरोधी सत्ता को सबक सिखाया जाएगा. इसके तहत केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी को बर्खास्त और गिरफ्तार ना करने, केंद्र सरकार द्वारा किसानों से विश्वासघात और उत्तर प्रदेश सरकार की किसान विरोधी नीतियों को लेकर जनता से सख्त फैसला लेने का आह्वान किया जाएगा.

इसे पढ़ें - UP Assembly Election 2022: यूपी में ट्रैक्टर रैली का आयोजन, किसानों को साधने में जुड़ी बीजेपी

इसके अलावा 3 फरवरी को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए मिशन के नए दौर की शुरुआत होगी. वहीं,  एसकेएम के सभी संगठनों द्वारा पूरे प्रदेश में साहित्य वितरण, प्रेस कॉन्फ्रेंस, सोशल मीडिया और सार्वजनिक सभा के माध्यम से भाजपा को 'सजा' देने का संदेश पहुंचाया जाएगा.

English Summary: farmers protest update: farmers will celebrate January 31 as 'Betrayal Day', know the reason
Published on: 29 January 2022, 04:50 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now