पूरी दुनिया में आए दिन कुछ ना कुछ घटनाएं ऐसी होती हैं, जो चर्चा का विषय बन जाती हैं. इसी कड़ी में हम आपको एक ऐसी खबर से रूबरू करवाने जा रहे हैं, जिसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे.
दरअसल, एक ऐसा देश है, जहां के किसान अपनी मुर्गियों को भांग खिलाते हैं. जी हां, हम यहां वहीं भांग की बात कर रहे हैं, जो आमतौर पर नशे के लिए इस्तेमाल किया जाता है और यही वजह है कि ये कई देशों में प्रतिबंध है.
थाईलैंड के किसान मुर्गियों को देते हैं भांग
ये अजीबोगरीब खबर थाईलैंड (Thailand) से सामने आई है. बता दें कि थाईलैंड में मुर्गी पालन बड़े पैमाने पर किया जाता है. थाईलैंड के किसान इन दिनों अपने मुर्गियों को भांग खिला रहे हैं. जिसकी चर्चा कई देशों में हो रही है. थाईलैंड के उत्तरी हिस्से के लैम्पांग शहर में पोल्ट्री किसान ऐसा कर रहे हैं. ऐसा वो क्यों कर रहे हैं आइये जानते हैं...
मुर्गियों को भांग खिलाने के पीछे की वजह क्या है?
दरअसल, थाईलैंड में मुर्गियों को भांग देने का संबंध एंटीबायोटिक दवाओं से है. यहां के किसानों का कहना है कि वे अपने मुर्गियों को एंटीबायोटिक दवाओं से बचाने के लिए भांग खिला रहे हैं. वह कहते हैं, हमने अपने मुर्गियों को एंटीबायोटिक्स दिए थे, फिर भी उन्हें एवियन ब्रोंकाइटिस नाम की बीमारी हो गई. ऐसे मामलों को रोकने के लिए चियांग माई यूनिवर्सिटी के कृषि वैज्ञानिकों ने ये सलाह दी है. साथ ही कृषि वैज्ञानिकों ने इसको लेकर एक नया एक्सपेरीमेंट भी शुरू किया है. इसकी सबसे पहली रिपोर्ट नेशन थाईलैंड में प्रकाशित की गई है.
कृषि वैज्ञानिकों का नया एक्सपेरीमेंट
इस एक्सपेरीमेंट के तहत यह देखा गया है कि भांग देने से मुर्गियों के स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है. इसके लिए 1 हजार से ज्यादा मुर्गियों का इस्तेमाल किया गया. वैज्ञानिक ने इन मुर्गियों को कई तरह से भांग खिलाया. किसी को आंशिक पत्ते खिलाए गए, तो किसी को पानी में भांग मिलाकर पिलाया गया. ऐसा करने के बाद देखा गया कि इसका उन पर, उनके अंडे और मांस पर क्या असर पड़ता है.
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मुर्गियों को भांग खिलाने से बीमारी हुई दूर!
इसके बाद वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि जिन मुर्गियों को भांग दी गई उनमें से कुछ ही मुर्गियों को एवियन ब्रोंकाइटिस हो रहा है. साथ ही वैज्ञानिकों का दावा है कि भांग खिलाने के बाद भी मुर्गियों के मांस, व्यवहार और अंडों में कोई बदलाव नहीं आया हैं, लेकिन इस एक्सपेरीमेंट का अभी तक कोई डेटा प्रकाशित नहीं किया गया है.
फिलहाल, इस एक्सपेरिमेंट के सफल होने के बाद थाईलैंड में पोल्ट्री फार्मिंग से जुड़े किसान अब इस प्रोजेक्ट से ज्यादा-ज्यादा जुड़ रहे हैं, ताकि वो अपनी मुर्गियों को एवियन ब्रोंकाइटिस नाम की बीमारी से बचा सकें. बता दें कि हाल ही में थाईलैंड में कानूनी रूप से भांग को वैध कर दिया गया है.