Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 13 April, 2017 12:00 AM IST

बिहार के महराजगंज खेत में लहलहाती सब्जी की खेती दर्जनों परिवारों के लिए खुशहाल जीवन का मजबूत आधार बन गई है. कभी आर्थिक तंगी से जूझ रहे किसान अब मौसमी सब्जियों से प्राप्त आमदनी के सहारे उन्नत एवं खुशहाल जीवन गुजार रहे हैं. सुबह से शाम तक खेत में पसीना बहाकर किसान अब आसपास के गांवों के किसानों के लिए नजीर बन गए हैं. नौतनवा ब्लाक मुख्यालय के करीब बसे महदेइयां गांव का डगरपुरवां टोला सब्जी की खेती को लेकर क्षेत्न में अपनी एक अलग पहचान बना चुका है. टोले के मुख्य सड़क के दोनों तरफ बसे 60 घरों की इस बस्ती में लगभग 55 परिवारों के लोग दो दशक से सब्जी की खेती को ही अपने जीविकोपार्जन का मजबूत सहारा बनाकर खुशहाली की डगर पर आगे बढ़ रहे हैं. सुबह होते ही किसान फावड़े व खुरपी लेकर सिब्जयों की देखभाल में जुट जाते हैं.

यहां के अधिकांश किसान मचान विधि का प्रयोग कर बोडा, करैला, लौकी जैसी सिब्जयां पैदा कर लाखों की आय प्राप्त कर रहे हैं. वे फसल में रासायनिक खाद की जगह गोबर की खाद का बेहतर उपयोग कर रहे हैं. किसान गब्बू लाल यादव ने बताया कि हम लोग ठंडी के मौसम में फूल गोभी, बंद गोभी, टमाटर, धनिया, मटर, मूली का पैदावार करते हैं. जबकि गर्मियों के मौसम में करैला, ¨भडी, बोड़ा, लौकी, बैगन, कुनुरु , अरु ई, बंडा की खेती करते हैं. 1गब्बू लाल की प्रेरणा से अब तो गांव के महेंद्र ,सुरेश, शिवकुमार, श्रीपत, सोहरत, कुंडल, अखिलेश, बृजेश आदि किसान भी सब्जी को अपने उन्नत जीवन का मजबूत आधार बना चुके हैं. यहां की उन्नत किस्म के बीजों से उगाई गई सब्जियां क्षेत्नीय बाजारों के अलावा नेपाल के भैरहवां, बुटवल, ठूठी पिपर, नवलपरासी के बाजारों तक पहुंचती हैं. गोरखपुर, बस्ती, देविरया के बड़े सब्जी व्यापारियों का भी यहां हमेशा आना-जाना लगा रहता है.

रामकेश की प्रेरणा ने बना दिया किसान

डंगरपुरवा टोले पर सब्जी की खेती की शुरु आत डेढ़ दशक पूर्व रामकेश नामक किसान ने शुरू किया था, जो कैंपियरगंज क्षेत्न के कल्याणपुर गांव से आए थे. सब्जी की खेती कर उसने तीन एकड़ खेत खरीदा था. उसी से प्रेरणा लेकर महदेइयां गांव का डगरपुरवां टोला के गब्बू लाल व अन्य लोग भी सब्जी की खेती करने लगे. आज टोले पर निवास करने वाले लगभग सभी किसान धान, गेहूं की जगह साल भर बदल-बदल कर विभिन्न प्रजाति की सिब्जयां उगाते हैं. 

English Summary: Farmers of the village are cultivating vegetable cultivation
Published on: 28 August 2017, 12:09 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now