Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 11 May, 2020 12:42 PM IST
Paddy Farming

किसानों के लिए धान की खेती करने का समय आ चुका है. रबी फसलों की कटाई के बाद अधिकतर किसानों ने धान की रोपाई की ओर रूख करना शुरू कर दिया है. मगर इन दिनों पंजाब के किसानों की चिंता बढ़ गई है. 

बड़ी समस्या यह है कि देशभर में लॉकडाउन की वजह से कई राज्यों के प्रवासी मजदूर घर वापसी कर रहे हैं. इस कारण उद्यमियों की चिंता बढ़ गई है, तो दूसरी तरफ पंजाब के किसानों पर भी धान की रोपाई का संकट मंडरा रहा है.

क्यों है पंजाब के किसान परेशान (Why are the farmers of Punjab upset?)

पंजाब के किसान धान की खेती के लिए यूपी और बिहार के मजदूरों पर निर्भर रहते हैं. इस साल कोरोनो और लॉकडाउन ने मजदूरों को घर वापसी करने पर मजबूर कर दिया है. ऐसे में पंजाब किसान की परेशानी बढ़ना लाजमी है. मई और जून में यूपी और बिहार से बड़ी तादाद में मजदूर धान की रोपाई के लिए आते हैं, लेकिन इस बार ऐसा होना पाना संभव नहीं हैं.

इस वक्त लगभग 10 लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूरों ने घर वापसी का रजिस्ट्रेशन कराया है. ये रोजाना पंजाब के अमृतसर, जालंधर, लुधियाना और बठिंडा से श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई से घर वापसी कर रहे हैं.

अगर ऐसा नहीं हुआ, तो किसान बर्बाद हो जाएंगे.किसानों का मानना है कि मशीन से धान की रोपाई सही तरीके से नहीं हो पाती है. बता दें कि मजदूरों को 1 एक एकड़ में धान की रोपाई करने के लिए 2500 से 3000 रुपए दिए जाते हैं.

इसके अलावा खाने और रहने की व्यवस्था दी जाती है. एक दिन में 5 से 6 मजदूर मिलकर लगभग डेढ़ एकड़ खेत में धान की रोपाई करते हैं. इस तरह मजदूरों को 7 से 8 रुपए की आमदनी मिलती है.

लगभग 30 लाख हेक्टयर भूमि पर धान की खेती (Paddy cultivation on about 30 lakh hectares of land)

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो पंजाब में लगभग 30 लाख हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती होती है. पिछले साल 180 लाख मीट्रिक टन के करीब धान की पैदावार हुई थी. मगर इस बार उम्मीद घट गई है. ऐसे में किसान सरकार से मांग कर रहे हैं कि श्रमिकों की घर वापसी को रोका जाए.

इसके साथ ही अग्रिम धान रोपाई की अनुमति दी जाए. बता दें पिछले साल धान की खेती के लिए 13 जून से शुरू की गई थी. इस बार 1 जून से धान की खेती करने की अनुमति मिलनी चाहिए.

धान की रोपाई का काम जून से जुलाई तक चलता है. ऐसे में मजदूर लगभग 40 से 50 हजार रुपए की कमाई कर लेते हैं. मगर इस साल किसान और मजदूरों, दोनों पर ही संकट के बादल छाए हुए हैं. जहां किसान को धान की रोपाई की चिंता है, तो वहीं मजदूरों को अपनी रोजगार की. 

ऐसी ही कृषि सम्बंधित जानकारियां पाने के लिए जुड़े रहें कृषि जागरण हिंदी वेबसाइट के साथ...

English Summary: Farmers of Punjab upset by workers' return, crisis over paddy transplanting this year
Published on: 11 May 2020, 12:44 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now